लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां शहर को स्मार्ट बनाने की कवायद की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ आलम यह है कि शहर में कई इलाके ऐसे हैैं, जहां सालों बाद भी सीवर लाइन नहीं पड़ पाई है। वहीं कई ऐसे एरिया हैैं, जहां सीवर लाइन तो बिछ गई लेकिन अभी तक लाइन को शत प्रतिशत घरों से कनेक्ट नहीं किया जा सका है। जिसकी वजह से जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रही सही कसर बदहाल नाले भी पूरी कर रहे हैैं। निगम प्रशासन की ओर से बड़े नालों की सफाई और निर्माण पर तो फोकस किया जाता है लेकिन छोटे नालों से दूरी बना ली जाती है। जिसकी वजह से कई प्वाइंट्स पर नाले दरकने की स्थिति में हैैं। भारी भरकम बजट होने के बावजूद अभी तक जनता को प्रॉपर सीवर और पुख्ता नाला व्यवस्था संबंधी सुविधा मिलती हुई नजर नहीं आ रही है।

489 करोड़ का प्रोजेक्ट बना

राजधानी के पॉश एरिया में शामिल आलमबाग की बात की जाए तो इस एरिया में घनी आबादी निवास करती है। इस इलाके के अंतर्गत आने वाले वार्डों में वैसे तो कई अन्य सुविधाएं मौजूद हैैं लेकिन सीवरेज सिस्टम लापता है। इंतजार में सालों गुजर गए लेकिन अभी तक तीन वार्डों में रहने वाले लोगों को सीवर की सुविधा नहीं मिल सकी है। इतना ही नहीं, इन वार्डों में सीवर लाइन डालने के लिए 489 करोड़ का प्रोजेक्ट भी 10 साल पहले बना था, पर उसके बाद भी यहां पर सीवर लाइन नहीं डाली जा सकी।

लाइन बिछी, कनेक्शन देना भूले

हाल ही में लालबाग एरिया में नगर निगम की ओर से रोड का निर्माण कराया गया था। जिसके बाद फिर से जल निगम की ओर से रोड की खोदाई शुरू करा दी गई है। वजह यह थी कि सीवर लाइन तो बिछा दी गई थी लेकिन घरों से इसे कनेक्ट नहीं किया जा सका था। कमोवेश यही स्थिति लाटूश रोड, अमीनाबाद में भी देखने को मिल रही है। जिससे साफ है कि जल्दबाजी में सीवर लाइन तो बिछा दी गई लेकिन लोगों को कनेक्शन ही नहीं दिए गए।

दरक सकता है नाला

अब अगर नाला व्यवस्था की बात की जाए तो नाला निर्माण व नाला सफाई पर निगम प्रशासन की ओर से हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैैं लेकिन हकीकत यह है कि बड़े नालों की सफाई तो हो जाती है लेकिन कई ऐसे नाले हैैं, जिन्हें आज भी अपने जीर्णोद्धार का इंतजार है। मुंशी पुलिया, फैजाबाद रोड समेत कई ऐसे नाले हैैं, जिनकी स्थिति बेहद चिंताजनक है। स्थानीय लोगों की ओर से निगम प्रशासन से कई बार नाला निर्माण की मांग की गई लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। शायद कोई हादसा होने के बाद ही नाला निर्माण का कार्य कराया जाएगा।

जलभराव की समस्या आती सामने

प्रॉपर सीवरेज सिस्टम और नाले की ठोस व्यवस्था न होने के कारण स्थानीय लोगों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है। हर साल बारिश में जलभराव की समस्या आती है, निगम प्रशासन की ओर से मशीनें भी लगाई जाती हैैं लेकिन समस्या का ठोस निस्तारण नहीं किया जाता है। जिसकी वजह से जलभराव की समस्या जस की तस बनी हुई है। अब तो निगम क्षेत्र में कई ऐसे इलाके भी शामिल हुए हैैं, जहां न तो सीवरेज सिस्टम है न ही अभी तक नाला सफाई हुई है। ऐसे में उम्मीद कम ही है यहां के लोगों को जलभराव की समस्या से जल्द राहत मिलेगी।

हर बार सदन में उठा मामला

शहर सरकार की ओर से आयोजित किए जाने वाले सामान्य सदन में कई बार वार्ड पार्षदों की ओर से सीवरेज सिस्टम से लेकर बदहाल नाला सिस्टम का मुद्दा उठाया जा चुका है। इसके बावजूद अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। अब तो स्थिति यह है कि वार्ड पार्षदों ने सीवर और नाला सिस्टम की मांग उठाना ही बंद कर दिया है।