- पहले जहां करीब सभी सीटें रहती थीं फुल, वहीं अब शताब्दी में नहीं भर रही हैं सीटें

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LUCKNOW :

जहां लखनऊ मेल, गोमती एक्सप्रेस में सेकंड एसी, चेयरकार व थर्ड एसी में 90 फीसद से ज्यादा ट्रेनें फुल हो रही हैं। वहीं शताब्दी आधी खाली जा रही है। एसी एक्सप्रेस के थर्ड एसी में तत्काल व वीआईपी कोटे की बर्थ खाली ही जा रही हैं। रेल प्रशासन को इन दोनों ट्रेनों के लगेज वैगन यानी मालभाड़े से उम्मीदें हैं कि इससे कुछ खर्चा रेलवे का निकलता रहेगा। गौरतलब है कि रेलवे प्रशासन ने 12 सितंबर से लखनऊ अलग-अलग स्टेशनों के लिए आठ जोड़ी ट्रेनें का संचालन शुरू किया था। इनमें दिल्ली के लिए वीआइपी ट्रेनों में स्वर्ण शताब्दी ट्रेन और एसी एक्सप्रेस का भी संचालन शामिल था।

आधे से ज्यादा सीटें खाली

शताब्दी के एजीक्यूटिव श्रेणी में 40 और चेयर कार में 829 सीटें सोमवार को खाली गई। यह वही शताब्दी है, जिसमें एक बर्थ पानी के लिए रेलवे मंत्रालय में बैठे अफसर वीआइपी कोटे के लिए प्रयास करते थे। कोरोना के कारण यात्री नहीं मिल रहे हैं। इसी तरह शताब्दी में 12 सितंबर को करीब छह सौ सीट चेयर कार में खाली गई थी और 13 सितंबर को सात सौ से अधिक सीटें खाली गई थीं।

इसलिए कम जा रहे लोग

रेलवे यात्रियों का मानना है कि शताब्दी में शारीरिक दूरी का पालन जिस हिसाब से होना चाहिए वह सफर के दौरान नहीं हो पा रहा है, इसलिए शताब्दी में कम लोग सफर कर रहे हैं। एसी एक्सप्रेस और लखनऊ मेल फिर भी नब्बे फीसद भरकर जा रही हैं। उक्त दोनों ट्रेनों में वीआइपी व तत्काल को लेकर जो मारामारी होती थी, अब वह खत्म हो गई है।