लखनऊ (ब्यूरो)। तेज धूप और बारिश से लोगों को बचाने के लिए नगर निगम की ओर से नए रोड साइड शेल्टर्स बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सर्वे भी शुरू करा दिया गया है। चुनाव के बाद 25 से अधिक प्वाइंट्स पर शेल्टर बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

अभी 50 से अधिक प्वाइंट्स पर

स्मार्ट सिटी के अंतर्गत राजधानी में पहले से ही 50 से अधिक प्वाइंट्स पर रोड साइड शेल्टर्स बने हैं। पहले यहां पर बसें भी रुकनी थी लेकिन आधा दर्जन शेल्टर्स पर आज तक ये व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है। अब ये शेल्टर्स परिवहन विभाग को हैैंडओवर किए जा चुके हैैं, ऐसे में अब उनकी ओर से ही बसों के रुकने संबंधी व्यवस्था की जाएगी।

नगर निगम ने तैयारी शुरू की

नगर निगम की ओर से अपने स्तर से कई प्रमुख मार्गों के किनारे स्पेस की उपलब्धता के आधार पर नए शेल्टर्स बनाने का काम शुरू करने की तैयारी तेज कर दी गई है। निगम प्रशासन का कहना है कि नए शेल्टर्स को बनाने की वजह यही है कि धूप या बारिश से लोग खुद को सेफ रख सके। अक्सर देखने में आता है कि तेज धूप या बारिश होने पर लोग रोड साइड शेड ढूंढते हैैं, इसे ध्यान में रखते हुए ही यह कदम उठाया जा रहा है।

पब्लिक फुटफॉल पर फोकस

जहां भी नगर निगम की ओर से नए शेल्टर्स बनाए जाएंगे, वहां पब्लिक के फुटफॉल की भी स्टडी की जाएगी। जिससे शेल्टर्स शोपीस न रह जाएं। इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि जहां पर शेल्टर्स बनाए जाएंगे, वहां पर पहले से कोई शेल्टर न बना हो।

अभी इन जगहों पर बने हैं शेल्टर्स

- बालू अड्डा

- समता मूलक चौराहे के पास

- लोहिया पथ पर तीन

- पॉलीटेक्निक के पास दो

- महानगर में एक

- आलमबाग में दो

नोट- इसके अलावा अन्य जगहों पर भी शेल्टर बने हैं।

ये होंगे फायदे

1-खाली जमीन का यूज हो सकेगा

2-बसें भी रुक सकेंगी जरूरत पड़ने पर

3-पब्लिक को बैठने की जगह मिलेगी

4-धूप-बारिश से बचाव की सुविधा

ऑटो-टेंपो की कनेक्टिविटी

नए शेल्टर्स बनवाते समय इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि वहां से ऑटो-टेंपो या ई रिक्शा की कनेक्टिविटी हो। जिससे लोग सवारी वाहनों का शेल्टर्स में खड़े होकर इंतजार कर सकें। इसके साथ ही वहां पर लाइटिंग की भी व्यवस्था कराई जा सकती है।

हमारी ओर से नए शेल्टर्स बनाने की तैयारी की जा रही है। चुनाव के बाद इस दिशा में काम शुरू किया जाएगा। नए शेल्टर्स को बनाने की वजह यही है कि लोगों को धूप या बारिश से खुद को बचाने के लिए सेफ जगह मिल सके।

इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त