लखनऊ(ब्यूरो)। शारदानगर के रजनीखंड 2 निवासी मनोरमा सिंह ने प्लॉट के लिए 4.50 लाख, उनकी परिचित ललिता देवी निवासी चम्पारन बिहार ने 4.50 लाख दिये थे। वहीं दोनों से कब्जे के नाम पर 12 लाख रुपये लिये गये, लेकिन प्लाट नहीं मिला। मामले में गोमतीनगर पुलिस ने राशिद नसीम, आसिफ नसीम, आकिब नसीम, शगुफ्ता खान, सबा खान, उत्तमा अग्रवाल, नीरज गुप्ता, सोनल सिंह, संदीप पांडेय समेत दस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

चेक मिली लेकिन बाउंस हो गई
तेलीबाग निवासी सरताज सिंह भदौरिया ने वर्ष 2018 में कंपनी में संपर्क कर पीआईपी के तहत गोवहाटी प्रोजेक्ट में 2 लाख रुपये जमा किए थे। शर्तों के तहत 12 माह में लाभांश 2.36 लाख, 15 माह बाद 2 लाख रुपये व एक प्लॉट मिलना था। समय पूरा होने पर कंपनी ने 15 माह बाद की चेक थमा दी। तय समय बाद सरताज ने चेक खाते में लगाई तो वह बाउंस हो गई। इसके साथ कई और लोगों से पैसे इंवेस्ट कराये गये। उन्हे भी चेक थमाई गई। उनकी भी चेक बाउंस हो गई। सभी जब ऑफिस गये तो वह बंद मिला।