लखनऊ (ब्यूरो)। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाओं को पर्सनल लाइफ के अलावा करियर और प्रोफेशनल लाइफ की जिम्मेदारियों को भी निभाना पड़ रहा है, जिसके चलते खानपान से लेकर उनकी नींद तक गड़बड़ा गई है, जो हार्मोनल इम्बैलेंस की वजह बन रहा है। महिलाओं में एंग्जायटी और डिप्रेशन की समस्या बढ़ रही है, जिसकी बड़ी वजह पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) है। इसकी वजह से प्रेग्नेंसी तक में दिक्कत आ रही है। यह खुलासा केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग क्वीन मेरी में आने वाली महिलाओं पर हुई स्टडी में हुआ है। पेश है अनुज टंडन की स्पेशल रिपोर्ट।।।

लक्षणों के आधार पर पूछे गये सवाल

डॉ। पुष्पलता शंखवार ने बताया कि एंग्जायटी और डिप्रेशन स्केल पर सवाल-जवाब के आधार पर स्टडी की गई। इसमें 19-35 वर्ष की महिलाओं को स्टडी में शामिल किया गया। स्टडी में पाया गया कि 20-40 फीसदी में एंग्जायटी थी, जबकि 40-60 फीसदी महिलाओं में डिप्रेशन की समस्या पाई गई। अगर समय पर यह बीमारी पता लग जाये तो करीब 50 फीसदी मामलों में इसपर काबू पाया जा सकता है।

एडल्ट एज की समस्या है

डॉ। पुष्पलता शंखवार के मुताबिक, पीसीओएस रिप्रोडक्टिव एज में होने वाली बीमारी है, जो एडल्ट महिलाओं में देखने को मिलती है। हार्मोनल अनकंट्रोल होना, खानपान का तरीका बदलना, खराब दिनचर्या के कारण किशोरावस्था और नव युवतियों में यह परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है। इसके अलावा मोबाइल के चलते यह समस्या और बढ़ रही है, क्योंकि देर से सोने के कारण हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ जा रहा है। ऐसे में जब इस समस्या के साथ महिला आती है तो उनकी खून की जांच और अल्ट्रासाउंड कराया जाता है। इस जांच से पता चलता है कि उनकी ओवरी में सिस्ट की समस्या है। ये सभी समस्याएं मिलकर पीसीओएस बनाती हैं।

कई तरह की होती समस्या

पीसीओएस की समस्या के चलते महिलाओं में कई अन्य तरह की समस्याएं बढ़ जाती हैं, जिसमें शुगर, थायराइड, बीपी, प्रोलेक्टिन का गड़बड़ होना और हार्ट संबंधित बीमारियां शामिल हैं। इसकी वजह से मानसिक दबाव और तनाव बढ़ जाता है, जिसका शरीर पर विपरीत असर पड़ता है। यह आगे चलकर दिक्कत का सबब बन जाता है।

ये हैं कुछ कॉमन लक्षण

- मोटापा

- माहवारी में गड़बड़ी

- शरीर में अनचाहे बाल निकलना

- पीरियड कम होना

- शरीर में सुस्ती

ऐसे करें बचाव

- योगा

- एक्सरसाइज

- सुबह-शाम की वॉक

- लाइफस्टाइल में सुधार

- फ्रेश फ्रूट और ड्राई फ्रूट खाएं

- सलाद खाएं

- नींद में सुधार जरूरी

पीसीओएस के लक्षण सामने आने पर भी महिलाएं इसे नजरअंदाज करती हैं। समस्या बढऩे पर प्रेग्नेंसी में दिक्कत आती है। समय रहते इसका इलाज करवाना बेहद जरूरी है।

-डॉ। पुष्पलता शंखवार, क्वीन मेरी