लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में एटीएस एक एक कर पीएफआई के सदस्यों की न सिर्फ तलाश कर रही है बल्कि उनकी गिरफ्तारी भी कर रही है। इसी क्रम में मंगलवार तड़के करीब तीन बजे बक्शी का तालाब एरिया के अचरामऊ में छापा मारकर एटीएस ने प्रधान अरशद के भाई फैजान, प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक अब्दुल वाहिद, पीएचडी छात्र अब्दुल मजीद उर्फ हैदर समेत छह लोगों को पकड़ा और इनके पास से करीब 15 मोबाइल, तीन लैपटाप, बैंक पास बुकें व कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज दरामद किए। टीम इन सभी से पूछताछ के साथ बरामद चीजों की पड़ताल कर रही है।

पूरे एरिया की घेराबंदी
मंगलवार तड़के करीब 150-200 पुलिस कर्मियों ने अचरामऊ पहुंचकर पूरे एरिया को घेर लिया। इसके बाद प्रधान अरशद के घर के बाहर से सीढ़ी लगाकर कमांडो घर के अंदर गए। अचानक दबिश से घर में मौजूद सभी लोग सकते में आ गए। हालांकि घर के अंदर अरशद नहीं मिला, वह पहले ही वहां से भाग गया था। टीम ने अरशद के भाई फैजान को धर दबोचा और सीसी कैमरा, डीवीआर, पेनड्राइव, लैपटाप, चार मोबाइल संग कई अन्य अहम दस्तावेज यहां से बरामद किए।

छत के रास्ते पहुंचे
वहीं, दूसरी टीम शिक्षक अब्दुल वाहिद के घर पहुंची। पहले दरवाजा खुलवाने की कोशिश की गई लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला तो टीम छत के रास्ते घर में दाखिल हुई। अब्दुल वाहिद और उसका भाई अब्दुल मजीद वहां लैपटाप पर काम कर रहे थे। टीम ने इन दोनों को हिरासत में ले लिया। दोनों के लैपटाप, चार मोबाइल व अन्य दस्तावेज भी टीम ने अपने कब्जे में कर लिए। अब्दुल वहिद के पिता अब्दुल रब ने बताया कि वहीद बाराबंकी की फतेहपुर तहसील के सांड़भारी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक है। वहीं, मजीद सीमैप से एग्रीकल्चर में पीएचडी कर रहा है।

गांव में पुलिस बल तैनात
इसके बाद टीम ने बढ़ई का काम करने वाले रेहान के यहां छापा मारा। रेहान और उसके भाई को घर से पकड़ा गया। रेहान के यहां से चार मोबाइल, दस्तावेज और अन्य चीजें बरामद की गई हैं। यहां से कुछ दूरी पर रहने वाले आमीन के घर पर भी छापा मारा गया और उसे भी हिरासत में लिया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने विरोध करने का प्रयास किया लेकिन उन्हें समझाकर शांत करा दिया गया। वहीं अब गांव में तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पूरे दिन गांव की गलियों में पुलिस की गश्त जारी रही।

मेरे पति, देवर पीएफआई से हैं
रेहान की पत्नी आर्शिया ने बताया कि उनके पति, देवर सलमान के अलावा आसपास के गांवों के कई लोग पीएफआई से जुड़े हैं। इसमें हर्ज क्या है। वह इनकी मीटिंगों में भी जाते हैं। पति दो साल सऊदी में रहे हैं। वह किसी भी तरह की गलत गतिविधियों में शामिल नहीं हैं। सऊदी से आने के बाद वह फर्नीचर का काम कर रहे हैं। देवर सलमान अपना खुद का काम करता है और जेठ रिजवान अभी सऊदी में ही हैं।

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वाट्सएप ग्रुपों से पढ़ाते थे कट्टरपंथ का पाठ
एसडीपीआई नेता मो। अहमद बेग और पीएफआई प्रदेश अध्यक्ष मो। वसीम के साथ ही इनसे जुड़े अन्य लोगों ने 150 से अधिक वाट््सएप ग्रुप मोबाइल पर बना रखे थे। इन ग्रुपों में लखनऊ, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, उन्नाव, मथुरा, काशी के अलावा पूर्वांचल व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जनपदोंं और सीमांचल बिहार तक के युवा जुड़े थे। उन्हें जेहाद और कट्टरता का पाठ ग्रुप पर पढ़ाया जाता था। यह राजफाश इनके पास से बरामद मोबाइल से हुआ है।

किसी भी तरह बढ़ाएं जनसंख्या
कट्टरपंथी वाट््सएप ग्रुप पर ये लोग गैर मुस्लिम धर्मों के लिए आग उगलते थे। उनके बारे में गलत टिप्पणी करते थे। युवाओं को सीधे यह संदेश देते थे कि गैर मुस्लिम युवाओं और महिलाओं को अपने साथ किसी भी हाल में जोड़ो और अपनी तरह बनाओ। कैसे भी हो अपनी जनसंख्या बढऩी चाहिए। अधिक से अधिक लोगों का मतांतरण कराओ, उन्हें नौकरी, रुपये और लालच दो। गैर मुस्लिम धर्मों के लोगों को यह काफिर कहते थे। मुस्लिम युवाओं को लव जिहाद के लिए उकसाते थे।

कुकर बम बनाने में एक्सपर्ट
एसटीएफ द्वारा रविवार रात विभूतिखंड इलाके से गिरफ्तार पीएफआई सदस्य अब्दुल मजीद कुकर बम बनाने में एक्सपर्ट है। उसके आतंकी मिनहाज से बहुत करीबी संबंध थे। मजीद काकोरी के महिपतमऊ का है। मिनहाज की गिरफ्तारी के बाद वह एसडीपीआई नेता मो। अहमद बेग से जुड़ गया। मजीद भी सोशल मीडिया पर गैर मुस्लिम धर्मों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करता था। इस आरोप में उसे 2020 गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।