- 12 लाख मीटर लगाए गए

- 4 हजार से अधिक मीटर सीढ़ी लगा किये गये डिस्कनेक्ट

- 4जी बेस्ड मीटर लगाने की डिमांड

- स्मार्ट मीटर बकाया राशि पर उठाया जा रहा है कदम

- उपभोक्ता परिषद ने उठाया सवाल, पूछा-यह कैसा स्मार्ट सिस्टम

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रुष्टयहृह्रङ्ख एक बार फिर से स्मार्ट मीटर सिस्टम पर सवाल उठे हैं। इस बार मीटर डिस्कनेक्शन संबंधी मामला सामने आया है। दरअसल, स्मार्ट मीटर बकाया राशि होने पर खंभे पर चढ़कर कनेक्शन काटे जा रहे हैं, जिसको लेकर उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट सिस्टम को लेकर सवाल उठाया है।

ऑटो डिस्कनेक्ट सिस्टम

उपभोक्ता परिषद की मानें तो स्मार्ट मीटर सिस्टम फुल ऑटोमैटिक हैं। ऐसे में अगर किसी उपभोक्ता पर बकाया है तो तत्काल मीटर को खुद डिस्कनेक्ट हो जाना चाहिए, लेकिन आलम यह है कि डिस्कनेक्शन के लिए कर्मचारियों को खंभे पर चढ़ना पड़ रहा है।

4492 केस सामने आए

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा की मानें तो प्रदेश में करीब 4492 ऐसे केस सामने आए हैं, जिनमें पोल से सीढ़ी लगाकर कनेक्शन डिस्कनेक्ट किए गए हैं जबकि नियमानुसार, बकाया होने पर ये कनेक्शन तो ऑटो डिस्कनेक्ट हो जाने चाहिए थे। परिषद अध्यक्ष का कहना है कि इस कदम को उठाने से साफ है कि स्मार्ट सिस्टम सवालों के घेरे में है।

12 लाख मीटर्स पर भी सवाल

केंद्र के अधीन एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि। ने पूरे प्रदेश में उपभोक्ताओं के यहां लगे इलेक्ट्रॉनिक मीटर को उतारकर स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर लिया था। जिसके क्रम में प्रदेश में लगभग 12 लाख मीटर लगाए गए हैं। जिनमें भार जंपिंग, बत्ती गुल आदि समस्याएं आने पर सरकार व पावर कार्पोरेशन ने स्मार्ट मीटर लगने पर रोक लगा दी थी, जो अभी जारी है।

नई तकनीकी का कितना असर

उपभोक्ता परिषद लंबे समय से 4जी बेस्ड स्मार्ट मीटर लगाने की मांग कर रहा था, जिसके कारण 4जी बेस्ड स्मार्ट मीटर लगाने संबंधी निर्णय भी लिया गया है लेकिन सवाल यह है कि जिन उपभोक्ताओं के यहां पुरानी तकनीकी बेस्ड स्मार्ट मीटर लगे हैं, उनका क्या होगा।