- एसएमयू बच्चों की दिव्यांगता की पहचान करने वाली प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी होगी

LUCKNOW : डॉ। शकुंतला मिश्रा पुनर्वास यूनिवर्सिटी में नए सोशन से नवजात बच्चों में होने वाली दिव्यांगता की पहचान कर उसका इलाज किया जाएगा। वीसी प्रो। राणा कृष्ण पाल सिंह इसकी घोषणा कर चुके हैं। वीसी प्रो। सिंह का कहना है कि एसएमयू ऐसा करने वाली प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी बन जाएगी।

समय से नहीं चलता पता

प्रो। सिंह ने बताया कि कई नवजात बच्चों में मानसिक रोग, हड्डी से जुड़ी बीमारी, आंखों से हलका दिखाना ओर कान से सही से सुनाई न देना जैसी समस्याएं आती हैं। कुछ बच्चों में यह जन्मजात होता है लेकिन इसकी जानकारी उनके बड़े होने पर मिलती है और तब तक दिव्यांगता काफी बढ़ जाती है। देर से इलाज होने के कारण दिव्यांगता दूर नहीं होती है। यूनिवर्सिटी में इसके लिए एक डिपार्टमेंट बनाकर डॉक्टरों की टीम के साथ ऐसे बच्चों के इलाज के लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।

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पहले से हैं कई सुविधाएं

वीसी ने बताया कि यूनिवर्सिटी पहले से ही विभिन्न प्रकार की दिव्यांगता को दूर करने के लिए डॉक्टरी मदद के साथ उपकरण उपलब्ध कराती है। अब हमारा फोकस नवजात बच्चों पर है। यूनिवर्सिटी अपने कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र में दिव्यांगता दूर करने के लिए इलाज के प्रबंध करने जा रही है।