लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ में स्नेचिंग की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में चिनहट में पर्स स्नेचिंग के दौरान हादसे का शिकार हुई महिला की मौत हो गई थी। यह ऐसा पहला मामला नहीं है। पहले भी ऐसी वारदातों में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी या वे गंभीर रूप से घायल हो गए। तमाम दावों के बावजूद लखनऊ पुलिस स्नेचर्स का नेक्सेस तोड़ नहीं पा रही है। इस बार अपराधियों के पैटर्न में भी बदलाव दिख रहा है। अब वे सिटी के अंदर नहीं बल्कि बार्डर एरियाज में वारदात को अंजाम दे रहे हैं, ताकि वे वारदात को अंजाम देकर आसानी से शहर के बाहर निकल जाएं और सीसीटीवी कैमरों में भी कैद न हों।

आउटर एरिया में कर रहे वारदात

हाल ही में हुई स्नेचिंग की कुछ वारदातों को देखें तो स्नेचर्स ने उन्हें सिटी के बार्डर एरिया में अंदाज दिया और वहीं से शहर के बाहर निकल गए। इसके अलावा वे ऐसे प्वाइंट्स पर वारदात कर रहे जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होते। ऐसे वारदातें खासतौर पर पीजीआई, मोहनलालगंज, गोमती नगर, विभूतिखंड, मड़ियांव, जानकीपुरम, आशियाना, अलीगंज आदि थाना क्षेत्रों में हुई हैं। पुलिस स्नेचर्स को पकड़ने के लिए सीसीटीवी और सर्विलांस की मदद ले रही है, लेकिन इन वारदातों को अंजाम देने वाले फिलहाल पुलिस की पकड़ से दूर ही हैं।

कागजों तक सीमित रणनीति

राजधानी में आपराधिक वारदातों को रोकने के लिए हर जोन में स्पेशल क्राइम टीम के साथ सर्विलांस टीम भी तैनात है। शहर में जगह-जगह हजारों सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिनकी मदद से कई बड़ी वारदातों का पहले खुलासा भी किया जा चुका है। अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए मुखबिर तंत्र, गोपनीयता और बीट व्यवस्था महज कागजों तक सीमित रह गई है। जिस वजह से स्नेचर्स के आगे पुलिस की रणनीति फेल होते दिख रही है।

पकड़ में नहीं आते स्नेचर्स

क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने कई स्कीम चालू की थीं, जिन्हें कुछ दिनों तक तो बाखूबी से चलाया गया, लेकिन बाद में सब हवा हवाई हो गया। अधिकारी बदलते गए और व्यवस्था खत्म होती गई। स्नेचर्स के गिरफ्त में न आने कारण पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मोबाइल यूज न करने और चेहरे छिपाने की वजह स्नेचर्स अक्सर पुलिस की पकड़ में नहीं आते हैं।

ये बनाई गई थई प्लानिंग

नमस्ते लखनऊ स्कीम: 2020 में मार्निंग वॉकर्स के साथ क्राइम को रोकने के लिए नमस्ते लखनऊ स्कीम चलाई थी। इसमें पुलिस पार्कों में जाकर मार्निंग वॉकर्स से मिलती थी और रजिस्टर में उनका नाम व पता दर्ज करती थी। अब यह सिर्फ कागजों पर है।

शक्ति मोबाइल स्कीम: 2019 में शक्ति मोबाइल स्कीम लागू हुई थी। इसमें हर स्कूल कॉलेज के बाद पुलिस फोर्स शक्ति मोबाइल मौजूद रहती थी। इस योजना से शोहदों के हौसले टूट गए थे, लेकिन यह अब गायब हो चुकी है।

स्नेचर्स वैरीफिकेशन स्कीम: 2018 में स्नेचर्स वैरीफिकेशन स्कीम शुरू की गई थी। 450 स्नेचर्स को जेल भेजा गया, पुलिस उन पर नजर भी रख रही थी। यह स्कीम अब खत्म हो गई।

कब-कब कितनी वारदातें

वर्ष स्नेचिंग

2020 66

2021 41

2022 30

2023 28

2024 (अब तक) 18

जून मंथ में हुईं स्नेचिंग की वारदातें

2 जून

शारदा कॉलोनी निवासी मिथलेश रोहतास अपार्टमेंट के पास बने पार्क में वॉक कर रही थीं। इस बीच एक युवक उनके पास पहुंचा और डॉक्टर का पता पूछने लगा। कुछ देर बाद दूसरा टप्पेबाज भी पहुंचा और तंत्र-मंत्र की बात कहकर उनसे सोने के बाले उतरवा लिए। बालों को कागज में लपेटा और उनको दूसरी पुड़िया थमा दी।

4 जून

अलीगंज के सेक्टर-आई निवासी टीना 28 मई की रात वह दफ्तर से लौट रही थीं। घर से 100 मीटर पहले बाइक सवार दो बदमाश पीछे से टीना को धक्का देकर उनके हाथ से मोबाइल फोन लूट ले गए। टीना ने ट्यूज्डे को अलीगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से लुटेरों का सुराग लगाने में जुटी है।

5 जून

आशियाना कानपुर रोड स्थित एलडीए कॉलोनी में विपिन कुमार शर्मा ने बताया कि वेडनेसडे सुबह 8.30 बजे उनकी मां मीना शर्मा गेट पर सफाई कर रहीं थी। इसी दौरान हेलमेट पहने एक युवक स्कूटी से पहुंचा। उसने मां से प्रमोद यादव नाम के व्यक्ति का पता पूछा और बातों में उलझा कर उनके गले से चेन छीन ली।

6 जून

बीकेटी के मदारीपुर निवासी छोटेलाल की बेटी दीप्ति यूपी 112 में कंप्यूटर ऑपरेटर है। दीप्ति मटियारी के पास किराए पर रहती है। छोटेलाल की पत्नी कुसुम रावत (55) थर्सडे को बेटी से मिलने वह ऑटो से मटियारी जा रही थी। तभी पीछे से आए बाइक सवार दो युवकों ने पर्स स्नेचिंग के दौरान कुसुम को टक्कर मार दी और खुद भी गिर गए।

7 जून

नगराम के शाह मोहम्मदपुर अपैया निवासी संदीप कुमार की पत्नी राजकुमारी सीएचसी मोहनलालगंज में एएनएम है। फ्राइडे को वह छुट्टी लेकर ई रिक्शा से घर लौट रही थी। बिन्दौआ मोड़ के पास पीछे से आए बाइक सवार उनका पर्स छीनने लगे। इसमें राजकुमारी ई रिक्शे से गिरकर चोटिल हो गईं। पर्स लूटने के बाद बदमाश निगोहा की ओर भाग निकले। उनके पर्स में एक हजार रुपये, मंगलसूत्र, पायल व दो मोबाइल फोन थे।