- आज अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देंगी महिलाएं

- नहाय-खाय के साथ बुधवार से शुरू हुआ छठ महापर्व

LUCKNOW: सूर्य उपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ पर्व नहाय-खाय परंपरा के साथ बुधवार से शुरू हो गया। राजधानी के अलग-अलग इलाकों में लोगों ने स्नान, ध्यान और दिन में एक समय चावल और लौकी की सब्जी खाकर व्रत की शुरुआत की। वहीं दूसरी ओर गोमती के तटों पर सफाई के साथ पूजा की वेदी सुशोभिता बनाने का काम भी बुधवार को पूरे दिन चलता रहा।

महिलाओं ने रखा व्रत

छठ पर्व के पहले दिन घर में महिलाओं ने दिनभर व्रत रखने के साथ शाम को लौकी की सब्जी और देशी घी की रोटी का सेवन किया और छठ माई के गीत गाए। आज खरना के साथ ही छोटी छठ होगी। इस दिन व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य भी देती हैं। वहीं शाम को व्रती साठी के चावल व गुड़ की बनी खीर रसियाव का सेवन करती हैं। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत की शुरूआत होती है।

डीएम ने किया निरीक्षण

बुधवार को डीएम अभिषेक प्रकाश व नगर आयुक्त समेत जोनल अधिकारियों ने घाटों का निरीक्षण कर साफ-सफाई व प्रकाश की समुचित व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। सभी घाटों पर कोविड-19 हेल्प डेस्क, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। डीएम ने बताया कि छठ पूजा के दौरान सफाई व्यवस्था, मार्ग प्रकाश, हाईमास्क, पार्किंग, रैंप आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। घाटों पर पर्याप्त मात्रा में नावों और गोताखोरों की व्यवस्था होगी। मोबाइल टॉयलेट व साफ -सफाई और महिलाओं के लिये चेंजिंग रूम और डॉक्टरों की टीम भी घाट पर मौजूद रहेगी। घाटों पर मजिस्ट्रेट-पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है।

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कवि सम्मेलन का आयोजन

अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सेवा न्यास के अध्यक्ष परमानंद पांडेय ने व्रतियों से अपील की कि वे कोविड संकट को ध्यान में रखते हुए घाट पर भीड़ न लगाएं। वो अपने घर अथवा आसपास के पार्को में अ‌र्घ्य देने का प्रयास करें। न्यास की ओर से 19 नवंबर को झूलेलाल वाटिका स्थित गोमती तट पर भोजपुरी कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।

कोट

बचपन से ही परिवार के लोगों को छठ पूजा करते देखती आ रही हूं। मैं पहली बार यह व्रत रखने जा रही हूं, इसकी बेहद खुशी है। क्या बनाना है, कैसे करना है, इसकी पूरी जानकारी कर ली है। छठ माई से यही प्रार्थना है कि मेरा निर्जला व्रत सफल हो।

श्वेता सिंह

छठ का व्रत रखना काफी कठिन होता है। 36 घंटे का निर्जला व्रत आसान नहीं है। पहली बार व्रत रख रही हूं इसलिए कुछ डर भी लग रहा है। व्रत के दौरान क्या-क्या करना है, इसे भली-भांति समझ लिया है। व्रत रखने को लेकर मन में काफी उत्साह है।

शिखा सिंह

पहले हमारे सास-ससुर यह व्रत रखते थे, इसबार हम लोग पहली बार यह व्रत रखने जा रहे हैं। हम घाट की जगह घर पर ही पूजा करेंगे। खरना के बाद व्रत की शुरुआत होगी। पहली बार इतना कठिन व्रत रखने जा रही हूं, माई बस मेरा व्रत सफल कर दें।

रुचि उपाध्याय

पहली बार यह व्रत रख रही हूं, इसलिए उत्साह के साथ कुछ डर भी मन में है। भाभी से व्रत की सारी जानकारी कर ली है, इसलिए ज्यादा परेशान नहीं हूं। पूरी तैयारी कर ली है। नहाय-खाए के साथ व्रत की शुरुआत होगी। माई सबकी मनोकामना पूरी करेंगी।

रुचि शुक्ला