- विजलेंस ने शासन की अनुमति पर केस दर्ज कर शुरू की विवेचना

- आय से 109 फीसद अधिक संपत्ति मिलने का मामला

LUCKNOW:

सपा सरकार के एक और नेता की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बाद अब विजिलेंस ने सपा एमएलसी व पूर्व शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अíजत करने के मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। खुली जांच में साक्ष्य जुटाने के बाद विजिलेंस ने शासन ने आरोपित एमएलसी वासुदेव यादव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ की सहमति के बाद एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है। यह मुकदमा विजिलेंस के प्रयागराज सेक्टर के थाने में दर्ज किया गया है।

सीएम ने दिए थे जांच के आदेश

सीएम ने सितंबर, 2017 में वासुदेव यादव की संपत्तियों की खुली जांच के आदेश दिए थे। उन पर शिक्षा निदेशक के पद पर रहते हुए अवैध तरीके से संपत्ति जुटाने का आरोप था। सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस ने वासुदेव यादव की एक निर्धारित अवधि के बीच हुई आय, खर्चो, खरीदी गई संपत्तियों व निवेशों के बारे में गहनता से पड़ताल की। विजिलेंस की जांच में सामने आया है कि वासुदेव यादव की निर्धारित अवधि में आय करीब 89.42 लाख रुपये थी, जबकि उनके खर्च करीब 1.86 करोड़ रुपये से अधिक पाए गए। यानि उनकी कुल आय से करीब 97.34 लाख रुपये अधिक। कुल आय से करीब 109 प्रतिशत अधिक संपत्ति जुटाने के साक्ष्य एकत्र करने के बाद विजिलेंस ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। खुली जांच के दौरान वासुदेव यादव ने अपने बयान भी नहीं दर्ज कराए थे। अब विजिलेंस जांच का घेरा उन पर कसेगा। विवेचना के दौरान एमएलसी वासुदेव यादव के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।