लखनऊ (ब्यूरो)। अलाया अपार्टमेंट हादसे मामले में मंगलवार को पीड़ितों के बयान दर्ज किए जाएंगे। सभी पीड़ितों को सुबह मंडलायुक्त कार्यालय बुलाया गया है, जहां उनके बयान दर्ज कराने के साथ ही उनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने साक्ष्यों को भी देखा जाएगा। सभी बयान जांच समिति के समक्ष दर्ज होंगे। बता दें कि अलाया अपार्टमेंट हादसे मामले में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित हुई है। इस समिति में मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब, जेसीपी लॉ एंड ऑर्डर पीयूष मोर्डिया और मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी को शामिल किया गया है।

बयानों के बाद साफ होगी तस्वीर

पीड़ितों की ओर से दर्ज कराए जाने वाले बयानों के आधार पर अपार्टमेंट से जुड़ी कई सच्चाई सामने आएंगी। जांच समिति की ओर से वैसे तो कई अन्य बिंदुओं पर सवाल जवाब किए जाएंगे लेकिन पूरी संभावना है कि पीड़ितों की ओर से निर्माण से लेकर रजिस्ट्री कराने तक सभी डिटेल दी जाएंगी। इसके साथ ही पीड़ितों की ओर से नए आवास भी दिए जाने की मांग की जा सकती है। वहीं यह भी जानने का प्रयास किया जाएगा कि अपार्टमेंट के बेसमेंट में कब से निर्माण चल रहा था और क्या मानकों का अनुपालन हो रहा था या नहीं।

ज्वैलरी का भी नहीं चल रहा पता

अलाया अपार्टमेंट का मलबा तो लगभग साफ हो गया है, लेकिन यहां रहने वाले लोगों के कीमती सामान नहीं मिल पा रहे हैं। इस हादसे में सपा प्रवक्ता अब्बास हैदर की पत्नी उज्मा और मां बेगम हैदर की मृत्यु हो गई थी। उनके बेटे का गुल्लक मलबे से निकला तो उसकी सील टूटी हुई थी। गुल्लक के भीतर रखे करीब 50 हजार रुपये गायब हैं। उनकी मां और पत्नी की ज्वैलरी, बांड और बचत से जुड़े कागजात भी नहीं मिल सके हैं। इसी फ्लैट में हनी हैदर की शादी एक महीने पहले आफरीन से हुई थी। आफरीन की शादी के गहने और कुछ नगद घर में ही पड़े थे। मलबे में हनी हैदर अपने महंगे सामानों को खोजने में लगे थे। उन्होंने अपने मोबाइल फोन की एक फोटो दिखाते हुए दावा किया कि एक ही स्थान पर सभी आवंटियों के घरों से निकले पर्स और बैग को रखा जा रहा था। उनको खोलकर कुछ युवक खंगाल रहे थे। जब मैंने उनको देखा तो मना किया, इस पर युवक ने पर्स को उठाकर दूसरी ओर फेंक दिया।