- ऊर्जा मंत्री की सिफारिश पर सीएम ने एसटीएफ को सौंपी जांच

- तीन दिन में जांच कर सौंपनी होगी रिपोर्ट

LUCKNOW: स्मार्ट मीटर डिस्कनेक्शन मामले की जांच एसटीएफ करेगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एसटीएफ से जांच कराने का लेटर सीएम को लिखा था। इस पर सीएम योगी ने एसटीएफ को तीन दिन में जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये। ऐसे में गुरुवार देर शाम को ही एसटीएफ की टीम शक्तिभवन मुख्यालय पहुंच गई। वहीं पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने भी जांच के लिए अपने स्तर से एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। विद्युत नियामक आयोग ने भी मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी विद्युत वितरण कंपनियों को नोटिस जारी कर जांच रिपोर्ट तलब की है।

स्मार्ट मीटर को दी गई गलत कमांड

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बुधवार को स्मार्ट मीटर वाले लाखों घरों की बत्ती गुल होने से विद्युत उपभोक्ताओं को घंटों अंधेरे में रहना पड़ा। मामले की प्रारंभिक जांच में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शक्तिभवन मुख्यालय स्थित स्मार्ट मीटर कंट्रोल सिस्टम में त्रुटिपूर्ण कमांड देने से ऐसा हुआ है। कंट्रोल रूम में लगे सर्वर से स्मार्ट मीटर पर निजी कंपनी एलएंडटी (लार्सन एंड टुब्रो) और ईईएसएल (एनर्जी एफीसिएंशी सर्विसेस लिमिटेड) द्वारा नजर रखी जाती है। ऊर्जा मंत्री का कहना है कि जन्माष्टमी के दिन स्मार्ट मीटर में गलत कमांड देकर डिस्कनेक्ट किए जाने की लापरवाहीपूर्ण घटना अत्यंत गंभीर व अक्षम्य है। इससे जनता के बीच सरकार की छवि को भी गहरा आघात पहुंचा है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री से बात कर उन्हें पूरे मामले की विस्तार से जानकारी देने के साथ ही प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांयूपी एसटीएफ से कराने की सिफारिश की।

प्रदेश में लगे हैं दस लाख मीटर

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एसटीएफ को जांच के लिए तीन दिन की मोहलत देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ईईएसएल के यूपी स्टेट हेड व एलएंडटी के यूपी में प्रोजेक्ट मैनेजर को बुधवार देर रात ही निलंबित कर दिया गया था। ईईएसएल भी अपने स्तर से कमेटी गठित कर जांच करा रही है ताकि फिर ऐसा कभी न हो। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने देर शाम बताया कि एसटीएफ ने जांच शुरू करते हुए कंट्रोल रूम देखा और संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की है। उन्होंने भी एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है, जिसमें आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर को रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक ऊर्जा मंत्री ने भविष्य में स्मार्ट मीटरिंग प्रणाली को अत्यधिक सुरक्षित बनाने के लिए मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को भी आवश्यक दिशा-निर्देश देने का अनुरोध किया है। अध्यक्ष ने दावा किया कि डिस्कनेक्ट सभी स्मार्ट मीटर गुरुवार सुबह तक चालू हो गए हैं। प्रदेश में जीनस कंपनी के 10 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर हैं। इनमें से 90 फीसद से अधिक बुधवार को बंद हो गए थे। हालांकि ऊर्जामंत्री का कहना है कि 1.50 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर ही डिस्कनेक्ट हुए थे।

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चार सदस्यीय कमेटी करेगी जांच, देगी सुझाव

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यी कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए सुझाव भी देगी। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक एसपी गंगवार इस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए हैं। सदस्यों में एके श्रीवास्तव, निदेशक (वाणिज्य), उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड, आइआइटी कानपुर के निदेशक की ओर से नामित सदस्य और मुख्य अभियंता (वितरण), आगरा एके चौधरी शामिल किए गए हैं।