- 4.77 एकड़ में एलडीए ने तैयार करवाया है एसटीपी

LUCKNOW : लखनऊ विकास प्राधिकरण सीजी सिटी यानी चक गजरिया में 19 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) की क्षमता का एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) वर्षो से लगवा रहा था। इसका काम करीब पूरा हो गया है। एसटीपी का लाभ यहां 846 एकड़ में रहने वाले लोगों को मिलेगा। यहां के गंदे पानी को एसटीपी से शोधित कर सिंचाई के रूप में उपयोग किया जा सकेगा।

बनाया गया था प्लान

एलडीए ने करीब छह साल पहले आइटी सिटी, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, आधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण प्लांट, यूपी प्रशासनिक अकादमी, अस्पताल, सीएसआई टावर, संस्कृति स्कूल, ईडब्ल्यूएस व एलआइजी फ्लैट, कैंसर अस्पताल का खाका तैयार किया था। इन स्थानों से निकलने वाले गंदे पानी को एसटीपी के जरिए साफ किया जाएगा और फिर दोबारा उपयोग में भी लाया जा सकेगा। यहां बने पार्क व फैक्ट्रियों में पानी को इस्तेमाल करने की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है।

67.46 करोड़ की लागत

एसटीपी पर करीब 67.46 करोड़ की लागत आ रही है, वहीं 4.76 करोड़ से पांच एमएलडी सीवेज को शोधित किया जाएगा। अफसरों के मुताबिक सीवर न होने के कारण एसटीपी अभी नहीं संचालित किया जा रहा है। एसटीपी का निरीक्षण राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा गठित उत्तर प्रदेश सालिड वेस्ट मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष द्वारा भी किया जा चुका है।

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काम लगभग पूरा

एलडीए के अफसरों ने बताया कि कुछ कारणों से इसका लोकार्पण नहीं किया जा सका था। स्थितियां ठीक होते ही इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाएगा। यह एसटीपी करीब 4.77 एकड़ क्षेत्रफल में बना है। भविष्य में इसकी क्षमता बढ़ाई जा सके, उस पर भी लविप्रा फोकस किए हुए हैं। यहां वाणिज्यिक भूखंड के साथ ही आइएएस अफसरों की कालोनी बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है। डीएम व एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के मुताबिक सीजी सिटी में एसटीपी का काम लगभग पूरा हो चुका है।