लखनऊ ब्यूरो

राजधानी में शायद ही कोई गली ऐसी हो, जहां स्ट्रीट डॉग्स के आतंक से लोग परेशान न हों। यह हाल तब है जब नगर निगम अभियान चलाकर 75 हजार डॉग्स की नसबंदी कर चुका है। स्ट्रीट डॉग्स यहां न सिर्फ लोगों पर हमला कर रहे हैं, बल्कि रोड एक्सीडेंट का भी कारण बन रहे हैं। इनके आतंक के चलते कई एरिया में तो छोटे बच्चों का घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है।

बच्चों को बनाते हैं निशाना

स्ट्रीट डॉग्स के लिए छोटे बच्चे ही आसान शिकार होते हैं। अगर बच्चों के साथ कोई बड़ा नहीं होता है तो वे बच्चों पर हमला करने से भी नहीं चूकते हैं।

नहीं हो रही कार्रवाई

नगर निगम प्रशासन दावा करता है कि हर माह स्ट्रीट डॉग पकड़े जाते हैं लेकिन जिस तरह यहां सड़कों पर वे नजर आते हैं, उससे निगम प्रशासन का यह दावा शंकाएं खड़ी करता है।

बच्ची पर किया हमला

तकरोही निवासी बृजेश की सात साल की बेटी खुशी शाम को घर के बाहर खेल रही थी, तभी एक स्ट्रीट डॉग ने उस पर हमला कर काट लिया।

हाथ में हो गया गहरा घाव

इंदिरानगर सेक्टर 10 बाबा कुटिया के पास राधेश्याम की बेटी अपनी मां के साथ राशन लेने गई थी। तभी वहां घूमने वाले स्ट्रीट डॉग ने बेटी के हाथ में काट लिया।

गिर गया बाइक सवार

बालू अड्डे के पास रात के समय स्ट्रीट डॉग्स बाइक सवारों को दौड़ाते हैं। कुछ दिन पहले यहां स्ट्रीट डॉग्स के हमले में बाइक से गिरकर इंदू गंभीर रूप से घायल हो गया था।

स्कूल जा रहे बच्चे को काटा

हसनगंज निवासी क्लास नौ में पढऩे वाले प्रीतम को डालीगंज क्रासिंग के पास स्ट्रीट डॉग्स ने दौड़ा दिया और उसके पैर का मांस नोच लिया। लोगों ने किसी तरह बच्चे को स्ट्रीट डॉग्स से बचाया।

अभियान भी सफल नहीं

जानकारों की मानें तो पशु क्रूरता निवारण अधिनियम में स्ट्रीट डॉग्स को न पकड़कर रखा जा सकता है और ना ही उन्हीं कहीं दूसरी जगह ले जाकर छोड़ा जा सकता है। ऐसे में इनकी आबादी पर नियंत्रण करना ही एकमात्र विकल्प है। बीते दो साल के दौरान नगर निगम का एनीमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम प्रभावी नहीं दिख रहा है।

ऐसे तो तीन साल लग जाएंगे

राजधानी में जितने स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी की जा रही है, उससे करीब छह गुना आबादी स्ट्रीट डॉग्स की हर साल बढ़ रही है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले तीन साल में ही यहां स्ट्रीट डॉग्स की आबादी पर नियंत्रण लगाया जा सकेगा। हालांकि इनकी संख्या पर नियंत्रण के लिए इंदिरा नगर के जरहरा गांव में नया पशु चिकित्सालय खोला गया है।

क्या करती है संस्था

ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल को शहर से स्ट्रीट डॉग्स को पकड़कर ले जाने और उनकी नसबंदी की जिम्मेदारी दी गई है। शहर में करीब 80 हजार स्ट्रीट डॉग्स हैं लेकिन संस्था एक साल में सिर्फ 24 हजार स्ट्रीट डॉग्स की ही नसबंदी कर पा रही है। संस्था के अनुसार रोज करीब 80 स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी की जा रही है। नसबंदी के बाद डॉग्स के कान पर एक निशान लगाया जाता है, जिससे उसकी पहचान की जा सके।

तेजी से बढ़ती है संख्या

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ। अरविंद राव ने बताया कि एक मादा श्वान साल में चार से छह बच्चों को जन्म देती है, जिसमें से दो के करीब ही बच्चे जिंदा रह पाते हैं। अगर शहर में 50 हजार मादा श्वान हैं तो एक साल में यहां एक लाख स्ट्रीट डॉग्स बढ़ जाते हैं।

स्ट्रीट डॉग से परेशान हैं तो 9336312853 पर करें कॉल।

स्ट्रीट डॉग्स के काटने हर माह आने वाले मामले

अस्पताल केस

सिविल हॉस्पिटल 100 से 150

बलरामपुर हॉस्पिटल 50 से 100

50 सीएससी व पीएससी 100 करीब

अभियान चलाकर पकड़े गए स्ट्रीट डॉग्स

ठाकुरगंज के हैदरी इमामबाड़ा एरिया में स्ट्रीट डॉग्स के हमले में एक बच्चे की मौत होने और दूसरे के गंभीर रूप से घायल होने के बाद राजधानी में फिर स्ट्रीट डॉग्स के आतंक पर चर्चा शुरू हो गई है। पहले जब शहर में इस तरह के हादसे हुए तो हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम ने एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया को आवारा कुत्तों के बंध्याकरण का निर्देश दिया गया था। इसके बाद भी राजधानी में स्ट्रीट डॉग्स की संख्या कम नहीं हुई है।

35 हजार स्ट्रीट डॉग्स का बंध्याकरण

लखनऊ नगर निगम क्षेत्र में सितंबर 2019 में 75,678 स्ट्रीट डॉग थे, जिनमें 35,000 का बंध्याकरण हो चुका है। रोज करीब 70 से 90 डॉग्स का आपरेशन किया जा रहा है। जोन-1, 4, 7, व 8 में 90 प्रतिशत डॉग्स का बंधियाकरण हो चुका है।

2 वर्ष पर 70 प्रतिशत का टारगेट

ह्यूमनी सोसाइटी इंटरनेशनल इंडिया सिंतबर 2019 से डॉग मैनेजमेंट, एनीमल बर्थ कंट्रोल, एंटी रेबीज वैक्सीन, जन सहभागिता प्रोग्राम पर काम कर रहा है। संस्था ने नगर निगम सीमा में करीब 18,585 मेल व 15,812 फीमेल डॉग्स का बंध्याकरण किया है। आगामी 2 वर्षो में 70 प्रतिशत से अधिक डॉग्स के बंध्याकरण का लक्ष्य है।

48 डॉग्स पकड़े गए

ठाकुरगंज के मुसाहिबगंज इलाके में स्ट्रीट डॉग्स के बच्चों को काटने की घटना के बाद गुरुवार को अभियान चलाकर 48 स्ट्रीट डॉग्स पकड़े गए हैं। चर्चा है कि इसमें वे दो डॉग्स भी शामिल हैं, जिन्होंने बच्चों पर हमला किया था। सभी डॉग्स को पकड़कर इंदिरानगर स्थित जराहरा के एनीमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में रखा गया है। उनकी जांच के बाद उनका बंध्याकरण किया जाएगा। संदिग्ध मिले 2 डॉग्स को आइसोलेशन में रखकर उनके व्यवहार को जांचा जा रहा है।

क्या बोले अधिकारी?

नगर निगम ने हमारी संस्था को डॉग्स की नसबंदी की जिम्मेदारी दी है। हर दिन करीब 80 से 85 स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी की जा रही है। अब तक 24 हजार स्ट्रीट डॉग्स की जियो टैगिंग की जा चुकी है। करीब 80 हजार डॉग्स शहर में हैैं।

डॉ। नीरज, एचएसआईआई प्रोजेक्ट मैनेजर, लखनऊ