- एबीसी योजना को लागू करने वाला पहला विश्वविद्यालय बना एलयू

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी ने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत बैंक ऑफ क्रेडिट योजना का लाभ स्टूडेंट्स को देना सबसे पहले शुरू कर दिया है। इसका फायदा उन स्टूडेंट्स को होगा जो किसी कारण से अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं और बाद में इन्हें फिर से उसी क्लास में एडमिशन लेना पड़ता था। इस योजना के अंतर्गत अब अगर कोई स्टूडेंट बीच में पढ़ाई छोड़ता है तो वह जब दोबारा चाहे अगली क्लास में एडमिशन ले सकता है। ऐसी स्थिति में उसे रेग्युलर स्टूडेंट ही माना जाएगा।

क्या है एबीसी

अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट एक वर्चुअल स्टोर हाउस है जो स्टूडेंट के एकेडमिक क्रेडिट का रिकार्ड रखेगा। इन्हीं क्रेडिट या नंबरों के आधार पर स्टूडेंट को डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इसे नेशनल अकादमिक डिपाजिटरी के तौर पर तैयार किया गया है।

कैसे काम करेगा एबीसी

इस बैंक में हर स्टूडेंट को खाता खोलना होगा। जिसके बाद विशिष्ट आईडी और मानक संचालन प्रक्रिया एसओपी उसे दिया जाएगा। स्टूडेंट के अकाउंट में शिक्षा संस्थान की ओर से उसके पढ़ाई से संबंधित क्रेडिट दिया जाएगा। इस योजना के तहत अगर छात्र पढ़ाई बीच में छोड़ देता है तो उनकी पढ़ाई बेकार नहीं होगी। बल्कि फ‌र्स्ट ईयर से लेकर लास्ट ईयर तक प्रत्येक साल के लिए अलग-अलग सर्टिफिकेट उसे दिया जाएगा।

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ये होगा फायदा

- विभिन्न संस्थानों से कोर्स चुन सकेंगे

- दूसरे संस्थान में अपनी रुचि के सब्जेक्ट में एडमिशन ले सकेंगे

सात साल तक वैध

क्रेडिट स्टोरेज सिस्टम स्टूडेंट को अपने हिसाब से पढ़ाई करने की छूट देगा। इस बैंक में स्टोर किए गए क्रेडिट अधिकतम सात साल तक वैध रहेंगे। सात साल तक इसका लाभ उठाया जा सकेगा।

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इन कासार्े में मान्य

-यूजीसी से मान्य सभी कोर्स

-इंजिनियरिंग

-मेडिकल

-डेंटल

-लॉ

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क्या होगा प्रोसेस

-तीन से चार साल में होगा मल्टीपल एंट्री और एग्जिट आप्शन

- फ‌र्स्ट इयर में मिलेगा सर्टिफिकेट

- सेकंड इयर में एडवांस डिप्लोमा

- थर्ड इयर में डिग्री

- फोर्थ इयर में बैचलर डिग्री व रिसर्च सर्टिफिकेट