लखनऊ (ब्यूरो)। मौसम के तेवर तल्ख होते जा रहे हैं। बीते कुछ दिनों से शहर का पारा 40 डिग्री सेल्सियस के दरम्यान बना हुआ है, लेकिन शहर के कई डिग्री कॉलेजों में ठंडे पानी को स्टूडेंट्स तरस रहे हैं। आलम यह हैै कि कहीं उन्हें कॉलेज के बाहर लगी दुकानों से बोतल खरीद कर पानी पीना पड़ रहा है, तो कहीं स्टूडेंट्स खुद अपनी पानी की बोतल साथ लेकर आते हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि ज्यादातर विभागों में वाटर कूलर खराब पड़े हैं, कहीं जाकर पानी भर लो तो अगले दिन स्टाफ उसे बंद करवा देता है। साफ और ठंडा पानी मिलना दुश्वार होता जा रहा है।

महज तीन नल उसमें से एक गड़बड़

अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज में 800 के करीब छात्राएं पढ़ती हैं। यहां पर पीने के पानी के लिए महज तीन नल लगे हुए हैं। इसमें से एक गड़बड़ है। इसके अलावा पूरे परिसर में कहीं पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। कॉलेज में बीकॉम थर्ड ईयर की एक छात्रा ने बताया कि पीने के पानी की उपलब्धता नहीं है। वाटर कूलर लगा हुआ है, लेकिन इस नल का इस्तेमाल ज्यादातर बॉटल भरने में होता है। छात्राएं अपनी वाटर बॉटल घर से लाती हैं, खाली होने पर यहां से रिफिल कर लेती हैं। यहां डिस्पोजेबल ग्लास रखने चाहिए, ताकि कोई भी आराम से पानी पी सके।

बाहर से खरीदकर पीते हैं पानी

क्रिश्चियन डिग्री कॉलेज में ठंडे पानी को लेकर बहुत समस्याएं हैं। वहां के बीएससी थर्ड ईयर के एक स्टूडेंट ने बताया कि कॉलेज में चार वाटर कूलर लगे हैं। इसमें से सिर्फ बीकॉम फैकल्टी में लगा वाटर कूलर चलता है। इसके अलावा प्रिंसिपल ऑफिस की बिल्डिंग में बाहर लगा वाटर कूलर खराब पड़ा है। यहां तीन नलों में गर्म पानी आता है। स्टूडेंट ने बताया कि लाइब्रेरी के पीछे भी वाटर कूलर लगा है जो सही था, जैसे ही बीएससी स्टूडेंट्स ने वहां से पानी पीना शुरू किया तो उसे दो दिन पहले बंद कर दिया गया। इसकी शिकायत भी की गई है। हम लोग बाहर से ठंडे पानी की बोतल खरीद कर पी रहे हैं।

जर्जर स्थिति में वाटर कूलर

महिला डिग्री कॉलेज अमीनाबाद में भी पीने के पानी को लेकर समस्या है। प्रिंसिपल ऑफिस के बगल में वाटर कूलर नहीं है, वहां गर्म पानी आता है। कॉलेज ऑफिस के पीछे एक वाटर कूलर लगा हुआ है, लेकिन वो चलता नहीं है। छात्राओं से मिली जानकारी के मुताबिक, न्यू ब्लॉक में वाटर कूलर काम कर रहा है। हालांकि, वहां भी साफ-सफाई की दिक्कत है। वाटर कूल भी जर्जर स्थिति में है।

छात्राओं को साफ व स्वच्छ पानी मिले इसके व्यवस्थाएं दुरुस्त रखी जाती हैं। टंकी की साफ सफाई का ध्यान रखा जाता है। हमारे यहां तीन वाटर कूलर हैं। जिसमें से एक काम कर रहा है और दो खराब होने के बाद सर्विसिंग के लिए भेजे गए हैं।

निशा गुप्ता, प्राचार्य महिला डिग्री कॉलेज