- जनवरी-फरवरी में जेईई मेंस होने पर स्टूडेंट्स को हो सकती हैं दिक्कतें

- कई बोर्ड का सिलेबस तो कम हुआ लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं के सिलेबस पर निर्णय नहीं

LUCKNOW : नए साल के शुरुआत देश के टॉप के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम से होगी। इसे लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एनटीए ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सबसे पहले जनवरी- फरवरी में जेईई-मेंस के पहले फेस का एग्जाम होगा। जिसके डेट जल्द घोषित की जाएगी। वहीं एनटीए के एग्जाम में शामिल होने वाले लाखों स्टूडेंट्स के लिए एनटीए के सिलेबस को लेकर असमंजस की स्थिति हो गई है। एक्सपर्ट का कहना है कि स्टूडेंट्स अभी अपने बोर्ड एग्जाम पर फोकस करें। सरकार एनटीए के सिलेबस पर जल्द निर्णय लेगी।

सीबीएसई ने 30 परसेंट सिलेबस कम किया

कोरोना से बने हालात को देखते हुए सीबीएसई ने अपने सिलेबस में 30 परसेंट की कमी की है। स्कूल बंद होने के कारण स्टूडेंट्स ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में जेईई मेंस जैसे एग्जाम पास में होने से स्टूडेंट्स में सिलेबस को लेकर चिंता शुरू हो गई है। स्टूडेंट्स का कहना है कि जिस तरह सीबीएसई और यूपी बोर्ड ने अपने सिलेबस में कटौती की है क्या एनटीए भी सिलेबस में कटौती करेगा।

कैसे तैयार होगा सिलेबस

इस साल इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स का कहना है कि एनटीए जनवरी या फरवरी में एग्जाम कराएगा। उस समय सीबीएसई और यूपी बोर्ड के ज्यादातर स्कूलों में प्री बोर्ड के एग्जाम हो रहे होंगे। ऐसे में अगर जेईई मेंस का सिलेबस पूरा आता है स्टूडेंट्स को बोर्ड के एग्जाम के साथ ही जेईई मेंस के एग्जाम के पूरे सिलेबस को तैयार करना पड़ेगा जो बिना स्कूल और कोचिंग के संभव नहीं है।

बाक्स

अभी कोई निर्णय नहीं

एक्सपर्ट का कहना है कि अभी एनटीए की ओर से सिलेबस को लेकर कोई निर्णय नहीं किया गया है। कोरोना के कारण जो हालात बने हैं उससे एनटीए व सरकार वाकिफ है, ऐसे में स्टूडेंट्स के पक्ष में ही निर्णय होगा। एक्सपर्ट का कहना है कि देश में कई बोर्ड ने सिलेबस में कटौती नहीं की है, ऐसे में एनटीए का क्या रूख होगा, यह देखने वाला होगा।

कोट

स्टूडेंट्स पूरा फोकस बोर्ड एग्जाम पर रखें। बोर्ड में आने वाला सिलेबस जेईई मेंस जैसे एग्जाम के 90 परसेंट सिलेबस को कवर करता है। एनटीए ने अभी सिलेबस नहीं फाइनल किया है।

एनके दुबे, जेईई मेंस एक्सपर्ट

सिलेबस को लेकर अभी कोई क्लियर गाइडलाइन नहीं है, स्टूडेंट्स के मन में चिंता होना स्वाभाविक है। दिसंबर तक इस पर कुछ निर्णय हो सकता है।

डॉ। शहनवाज खान, नीट एक्सपर्ट