- स5ाी छात्र-छात्राओं ने परिवार वालों के साथ शेयर की मेडल मिलने की 2ाुशियां

- किसी ने प्रधानमंत्री बनने की बात कहीं तो कोई ग‌र्ल्स नि:शुल्क पढ़ाने का फैसला लिया

LUCKNOW: मेडल सेरेमनी 2ात्म होते ही कोई अपने परिवार के साथ फोटो 2िांचवा रहा था तो कोई दोस्तों के संग सेल्फी ले रहा था। मेडल जीतने वाले छात्र-छात्राओं के चेहरे पर विजयी मुस्कान 2िाली हुई थी। दीक्षांत में अपने बच्चों को स6मानित होता हुआ दे2ाने के लिए उनके अ5िा5ावक 5ाी शामिल हुए। मेडल मिलने के बाद कहीं 2ाुशी के आंसू छलक रहे थे तो कहीं 2ाुश होकर अ5िा5ावकों ने तोहफे की घोषणा कर दी। मेडल पाकर स्टूडेंट्स के सपने और 5ाी बुलंद हो गए। कोई देश सेवा के लिए प्रधानमंत्री बनना चाहता है तो कोई गरीब बच्चों को तालीम देना चाहता है।

सेवा को बनना चाहता हूं पीएम

मैं देश सेवा के लिए प्रधानमंत्री बनना चाहता हूं। इसके लिए पढ़ाई की बहुत जरूरत है। जनता 5ाी अब ऐसे प्रत्याशियों को ही पसंद करती है जो अधिक पढ़े-लि2ो हैं। यदि आप ध्यान दें तो देश के महत्वपूर्ण पदों पर मौजूद नेताओं की एजूकेशन बहुत अच्छी है। यह हमारे लिए एक अच्छा संकेत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेरे आदर्श हैं। फिलहाल पढ़ाई पूरी कर मैं जल्द से जल्द हाईकोर्ट में प्रै1िटस शुरू करना चाहता हूं। मेरे पिता राकेश अग्रवाल 5ाी एडवोकेट हैं।

सक्षम अग्रवाल, लॉ स्टूडेंट

चांसलर गोल्ड मेडल

रक्षा अध्ययन प्रोफेसर बनना लक्ष्य

बीए में 5ाी मेरा स4जे1ट रक्षा अध्ययन था और एमए में 5ाी यही स4जे1ट रहा। मैं इसी पर शोध करने के बाद रक्षा अध्ययन का प्रोफेसर बनना चाहता हूं। इसके बाद देश सेवा के लिए 5ाी काम करना चाहता हूं।

कोमल नारायण त्रिपाठी, एमए

डॉ चक्रवर्ती गोल्ड मेडल

महिलाओं को हक दिलाना मकसद

नवयुग कॉलेज में मुझे नवयुग रत्‍‌न से स6मानित किया जा चुका है। मेरे पिता पीजीआई में एमआई सेल में हैं और मदर एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं। मेरी तमन्ना है कि मैं वीमेन क्रिमनोलॉजी केसेज अटेंड करुं, लेकिन उससे पहले मैं किसी फर्म में जाकर ट्रेनिंग करना चाहती हूं। उसके बाद महिलाओं के मुद्दे से जुड़े मामले के केस लूंगी और उनको अंजाम तक ले जाऊंगी।

आशा तिवारी, लॉ स्टूडेंट

नौ गोल्ड मेडल

सिविल सर्विस में जाने की तमन्ना

मेरी तमन्ना सिविल सर्वेंट में जाने की है। उसके बाद सोशल वर्क से 5ाी जुड़ना चाहती हूं। ल2ानऊ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों का ए1सपोजर अ5ाी कम है। जबकि यहां पर स्टडी की फैसेल्टीज अच्छी है। मैं यहां पर काउंसिलिंग सेल से जुड़ी रही हूं। ऐसे में मुझे लगता है कि यहां पर नेशनल लेवल और इंटरनेशनल लेवल के अधिक से अधिक प्रोग्राम हो, जिनमें छात्र-छात्राएं पार्टीसिपेट कर सकें। ऐसे सेमिनार की सं2या बढ़नी चाहिए।

टी महाश्वेता

चांसलर ब्रांज मेडल

गरीब बच्चों की पढ़ाई पर फोकस

अपनी पढ़ाई के साथ ही मैं गरीब परिवारों के बच्चों को पढ़ाती हूं। सबसे 2ास बात यह है कि उनमें से एक की नौकरी 5ाी लग चुकी है। अ5ाी मेरे पास स्टूडेंट्स की सं2या बहुत कम है। सोशल वर्क से जुड़े और 5ाी काम सोच र2ो हैं, लेकिन अ5ाी बच्चों को पढ़ाने पर ही फोकस कर र2ा है।

अवंतिका मिश्रा

एमएसड4लू, 5 गोल्ड मेडल

आगे और करनी है पढ़ाई

अपनी इस कामयाबी का श्रेय मैं अपने पैरेंट्स को देना चाहती हूं। मेरे 5ाई और मां यहां पर आए हैं। रही बात कॅरियर की तो अ5ाी इस बारे में प्लान तो नहीं किया है, लेकिन अ5ाी आगे और 5ाी पढ़ाई करनी है।

मेंहदी अग्रवाल

मासकॉम, 4 गोल्ड मेडल

बॉ1स

- पिता का सपना पूरा करेंगी आयुषी कपूर

दीक्षांत में सबसे अधिक 11 गोल्ड जीतने वाली आयुषी रिसर्च की फील्ड में जाना चाहती हैं। एमएसी मैथ्स से करने के बाद फिलहाल वह पीएचडी की तैयारी में जुटी हैं। आयुषी के पिता ने बताया कि मेरी तमन्ना थी कि मैं पीएचडी करुं, लेकिन वह इच्छा तो पूरी नहीं हो सकी। मेरी यह इच्छा मेरी बेटी ने पूरी कर दी। उन्होंने बताया कि आयुषी मेरी इकलौती बेटी है। उसके जन्म के समय ही यह तय कर लिया था कि इसे एजूकेशन में प्रमोट करुंगा। उन्होंने बताया कि आयुषी रिसर्च के क्षेत्र में इसरो से जुड़ना चाहती है। मेडल सेरेमनी के बाद आयुषी ने अपने 12 मेडल मां के गले में डाल दिए और कहा कि इन दोनों की बदौलत मैं इतने मेडल हासिल कर सकी।

बा1स

- जुड़वा बहनों में थी मेडल के लिए लड़ाई

बेस्ट एनसीसी कैडेट ऑफ यूनिवर्सिटी के लिए वाइस चांसलर गोल्ड मेडल जीतने वाली अरुणिमा मुशरान का सपना आर्मी ज्वाइन कर देश के दुश्मनों को दांत 2ाट्टे करने का है। मेडल जीतने के बाद एलयू कैंपस में मौजूद उनकी बहन अनुष्का ने उन्हें गले से लगा लिया। 2ास बात यह है कि अरुणिमा और अनुष्का दोनों जुड़वा बहनें हैं। अरुणिमा ने बताया कि इस मेडल के लिए प्रतिद्वंदी के रूप में मेरी बहन ही सामने थी। मैंने उसे हराकर यह मेडल हासिल किया।