- तालकटोरा का एक्यूआई लेवल 400 के पार पहुंचा
LUCKNOW शहर के तालकटोरा समेत कई इलाकों में एयर पॉल्यूशन के आंकड़े भयावह होते जा रहे हैं। सर्वाधिक एयर पॉल्यूशन से प्रभावित तालकटोरा एरिया तो अब गैस चेंबर बनने की करीब आ गया है। इसकी वजह यह है कि यहां एक्यूआई लेवल 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के पार पहुंच गया है। दूसरे नंबर पर लालबाग एरिया है, यहां का एक्यूआई 345 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया है।
गोमती नगर की स्थिति बेहतर
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों पर गौर फरमाए तो पिछले तीन से चार दिनों के मुकाबले बुधवार को गोमती नगर एरिया का एक्यूआई बेहतर रहा है। यहां का एक्यूआई 260 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया है।
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एक्यूआई के आंकड़े पर एक नजर
डेट तालकटोरा लालबाग गोमतीनगर
28 अक्टूबर 401 345 260
27 अक्टूबर 360 357
26 अक्टूबर 366 365 313
25 अक्टूबर 310 367 289
24 अक्टूबर 308 318 204
नोट- एक्यूआई माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में।
लगातार बढ़ रहा एक्यूआई
तालकटोरा एरिया की बात की जाए तो 24 अक्टूबर के बाद से इस एरिया का एक्यूआई लगातार बढ़ता जा रहा है। एक्यूआई बढ़ने का मतलब साफ है कि यहां की हवा में पॉल्यूशन रूपी जहर का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को 401 एक्यूआई आने से खतरे की घंटी बज चुकी है। अगर यही स्पीड रही तो इस माह के अंत या फिर अगले माह के प्रथम सप्ताह तक तालकटोरा एरिया गैस चेंबर में तब्दील हो सकता है।
लालबाग में भी देना होगा ध्यान
लालबाग एरिया के एक्यूआई लेवल में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। शहर के बीच में यह इलाका होने की वजह से हालात और भी ज्यादा खराब हैं। आने वाले दिनों में यहां के एक्यूआई लेवल के भी 400 के पार जाने की पूरी आशंका है।
गोमती नगर में भी जरूरत
भले ही गोमती नगर एरिया में एक्यूआई लेवल डेंजर जोन में न पहुंचा हो लेकिन यह साफ है कि अगर पानी का छिड़काव नहीं हुआ और एनजीटी के नियमों को फॉलो नहीं किया गया तो यह एरिया भी पॉल्यूशन से ग्रसित हो जाएगा। इस एरिया का एक्यूआई भी 300 के पार पहुंच चुका है।
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एक्यूआई लेवल (अक्टूबर माह)
दिनांक एक्यूआई
28 326
27 333
26 334
25 314
24 264
23 300
नोट- एक्यूआई लेवल माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में।
प्रदूषित 16 शहरों में अब होगी सख्ती
एयर पॉल्यूशन के लिहाज से अत्यधिक प्रदूषित 16 शहरों में अब यूपी सरकार सख्ती करने जा रही है। इन शहरों में 24 घंटे निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील स्थानों पर पैन-टिल्ट जूम (पीटीजेड) कैमरे लगाए जाएंगे। औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है। प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ये हैं सर्वाधिक प्रदूषित शहर
लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, आगरा, वाराणसी, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, खुर्जा (बुलंदशहर), फीरोजाबाद, अनपरा (सोनभद्र), गजरौला (अमरोहा), झांसी, मुरादाबाद, रायबरेली, बरेली एवं मेरठ सर्वाधिक प्रदूषित शहर हैं।
धूल नियंत्रित करने के निर्देश
इन शहरों में नगरीय निकायों व जिला प्रशासन को सड़कों की धूल नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। नियमित जल छिड़काव के साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की नियमित जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा कूड़ा जलता मिलने पर तत्काल कार्रवाई करने, कूड़ा जलाने की घटनाएं रोकने और निर्माण स्थलों पर धूल न उड़ने देने के भी निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही बरतने वालों के निर्माण परिसर सील करने और दोषियों पर जुर्माना लगाने के साथ कड़ी कार्रवाई करने को भी कहा गया है।
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औचक निरीक्षण के निर्देश
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी अफसरों को औद्योगिक प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण कर वहां प्रदूषण का स्तर देखने के निर्देश दिए हैं। प्रदूषण के लिहाज से चिन्हित हॉटस्पाट में प्रभावी कार्रवाई को कहा गया है। प्रदूषण स्तर की नियमित जांच कर वायु प्रदूषण रोकने के हर संभव कदम उठाने की हिदायत के साथ खेतों में पराली न जलाए जाने का भी ध्यान रखने को कहा गया है।