लखनऊ (ब्यूरो)। सेंटीनियल इंटर कॉलेज पर शिक्षा माफिया के कब्जे के बाद स्कूल में प्रवेश देने से रोके गए स्टूडेंट्स की क्लासेस गुरुवार से स्कूल के गेट पर संचालित की जाएंगी। सेंटीनियल इंटर कॉलेज के टीचर्स और माध्यमिक शिक्षक संघ ने बुधवार को एक प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी। सेंटीनियल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि मौजूदा प्रबंधन समिति ने जबरदस्ती छह जुलाई तक स्कूल बंद कर दिया था। अगर सात जुलाई से स्कूल नहीं खुलता है और सभी टीचर्स और स्टूडेंट्स को कैम्पस में प्रवेश नहीं दिया जाता है, तो गुरुवार सुबह नौ बजे से 11 बजे तक दो घंटे की क्लास स्कूल के मेन गेट के बाहर होगी ताकि स्टूडेंट्स की पढ़ाई का नुकसान न हो। ज्ञात हो कि सेंटीनियल इंटर कॉलेज में मौजूदा समय में क्लास 1 से 12 तक 460 स्टूडेंट्स का एडमिशन है।

विरोध का नया तरीका निकाला

राजधानी के 135 साल पुराने सरकारी सहायता प्राप्त सेंटीनियल इंटर कॉलेज पर शिक्षा माफिया के कब्जे के चलते अपने ही क्लासरूम से बाहर हो चुके 460 स्टूडेंट्स अब सड़क पर बैठकर पढ़ाई करेंगे। शिक्षा विभाग के लचर सिस्टम को जगाने के लिए शिक्षक और छात्रों ने विरोध का यह नया तरीका निकाला है। माध्यमिक शिक्षक संघ की तरफ से बुधवार को मुख्य भवन के गेट के बाहर क्लास लगाने की घोषणा की गई है। बता दें कि सेंटीनियल इंटर कॉलेज लखनऊ का सबसे पुराना सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल है। आरोप है कि गर्मियों की छुट्टी के दौरान कुछ शिक्षा माफियाओं ने इस स्कूल पर कब्जा कर लिया। बीते 135 साल से चल रहे सेंटीनियल स्कूल को बंद कर के परिसर में मैथडिस्ट चर्च के नाम पर एक नया प्राइवेट स्कूल शुरू कर दिया गया है।

रातों रात स्कूल में लगा दिया ताला

माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री और प्रवक्ता डॉ। आरपी मिश्रा ने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कहने पर 6 जुलाई तक के लिए स्कूल को बंद कर दिया गया था। यह 500 से ज्यादा बच्चों के भविष्य का सवाल है, संगठन किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं है। अगर जल्द इस मामले में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो संगठन की तरफ से बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसी कड़ी में 11 जुलाई के संगठन की बैठक कर सीएम को पत्र लिखकर इस पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा। साथ ही, 16 जुलाई से ज्वाइंट डायरेक्टर के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

ऐसे सामने आया पूरा मामला

शिक्षा माफिया ने सुनियोजित ढंग से सत्र 2021-22 के दौरान सेंटीनियल इंटर कालेज पर कब्जा किया। इस दौरान बच्चे यहीं पढ़ते रहे। मामला तब सामने आया जब जुलाई 2021 में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ। मुकेश कुमार के पास तथाकथित प्रबंधक व कमेटी के हस्ताक्षर प्रमाणित किए जाने के लिए पहुंचा। मामला सामने आने के बाद शिकायत मुख्यमंत्री से की गई। जिसपर प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक षष्ठ मंडल सुरेंद्र तिवारी की अध्यक्षता में उप शिक्षा निदेशक षष्ठ मंडल विभा मिश्रा, सह निरीक्षक आंग्ल भाषा विद्यालय रीता ङ्क्षसह समेत तीन सदस्यीय टीम गठित की गई। टीम ने मामले में जांच कर 8 मार्च 2022 को विभाग को सौंपी रिपोर्ट में डिप्टी रजिस्ट्रार, फम्र्स, सोसाइटीज एवं चिट््स लखनऊ मंडल की भूमिका संदिग्ध पाई। रिपोर्ट में कहा 31 मार्च 2021 को दस्ती में प्राप्त पत्र पर इसी तारीख में तथाकथित प्रबंध समिति की सूची में उसे पंजीकृत कर लिया जाना सुनियोजित षडय़ंत्र है।

गलत हुआ सदस्यों का पंजीकरण

जांच कमेटी रिपोर्ट में यह भी लिखा कि 3 जून 2021 से वर्ष 2021-22 के लिए किया गया प्रबंध समिति के सदस्यों का पंजीकरण सोसायटी रजिस्ट्रार अधिनियम 1860 के प्रावधानों व शर्तों का उल्लंघन करते हुए किया गया है। कमेटी ने मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी। जिसके बाद मामले में 29 मार्च 2022 को मान्य प्रबंधक प्रो। आरआर लायल की शिकायत पर वजीरगंज थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई। 30 जून 2022 को सेंटीनियल इंटर कालेज के तथाकथित प्रधानाचार्य वीरेंद्र कुमार के विरुद्ध और इसी तारीख को तथाकथित प्रबंधक अर्णिमा रिसाल ङ्क्षसह, अक्षय रिसाल ङ्क्षसह, अजय रिसाल ङ्क्षसह, रोहित स्प्रिंग व नीतू स्प्रिंग के मामला दर्ज किया गया।

मामले में पहले ही एफआईआर हो चुकी है। मामला कोर्ट में चल रहा है। जो भी होगा विधिक तरीके से ही होगा। बच्चों की पढ़ाई में कोई दिक्कत न हो इसकी पूरी व्यवस्था की जाएगी।

- सुरेंद्र तिवारी, जेडी, संयुक्त शिक्षा निदेशक

मामला मेरे संज्ञान में है। मैंने अभी एक दिन पहले ही पद पर ज्वाइन किया है। पूरा प्रकरण समझकर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

- राकेश पांडेय, डीआईओएस