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LUCKNOW: मेरी इस सफलता के पीछे पेरेंट्स और टीचर्स का पूरा योगदान है। उनके गाइडेंस से ही मेरी इतने अच्छे मा‌र्क्स आए हैं। मुझे मैथ बहुत पसंद है और आगे मुझे आईआईटी से इंजीनियरिंग करनी है। मेरे पापा संजय कुमार जो फार्मासिस्ट हैं, उनका भी यही सपना है। मेरी मां दीपशिखा चौधरी हाउस वाइफ हैं और एग्जाम के दौरान उन्होंने मेरा पूरा ध्यान रखा। पढ़ाई के दौरान जब मैं बोर होने लगती थी, तो म्यूजिक सुनती थी।

यशस्वी चौधरी, एलपीएस साउथ सिटी

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एग्जाम के दिनों में भी की नार्मल पढ़ाई

पेरेंट्स और टीचर्स ने एग्जाम के दौरान मेरा पूरा ध्यान रखा। मैं आईआईटी करके सिविल सेवा में जाना चाहता हूं। मेरे फादर लल्लन यादव पुलिस में हैं, वहीं मां लालती देवी हाउस वाइफ हैं। एग्जाम के दौरान भी मैंने नार्मल पढ़ाई ही की। हर सब्जेक्ट का रिवीजन किया। पढ़ते-पढ़ते जब बोर हो जाता था तो वॉक करता या फिर मोबाइल देखने लगता था। मैं यही कहूंगा कि टीचर्स की बात मानें और हर सब्जेक्ट को बराबर समय दें। सफलता मिल जाएगी।

अभिषेक कुमार यादव, आरएलबी चिनहट

98.4 प्रतिशत

मुझे देश की सेवा करनी है

मेरी इस सफलता के पीछे मैथ के कोचिंग टीचर का सबसे बड़ा रोल है। उनके गाइडेंस से मेरे मैथ में पूरे 100 मा‌र्क्स मिले हैं। मैंने टाइम टेबल बनाकर हर सब्जेक्ट की पढ़ाई की, लेकिन सर्वाधिक जोर मैथ पर ही दिया। मुझे आगे चलकर आईआईटी और यूपीएससी करना है, ताकि देश की सेवा कर सकूं। मेरे फादर कुलदीप कुमार सिंह बिजनेसमैन हैं और मां मंजू सिंह हाउस वाइफ हैं।

आयुष सिंह, आरएलबी, विकासनगर

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आईआईटी से इंजीनियरिंग करनी है

इतने अच्छे मा‌र्क्स आने पर मैं पेरेंट्स और टीचर्स को थैक्स कहूंगी। मेरा सपना है कि इंटर में भी मैथ में बहुत अच्छे मा‌र्क्स लाऊं और इसके बाद आईआईटी से इंजीनियरिंग करूं। मेरे पापा डॉ। आभास सिंह बांदा मेडिकल कॉलेज में हैं और मां कंचन सिंह भी डॉक्टर हैं। एग्जाम के दौरान खूब रिवीजन करना चाहिए और हर कॉन्सेप्ट क्लीयर कर लेना चाहिए। इसमें अगर कहीं दिक्कत हो तो टीचर्स से पूरी हेल्प लेनी चाहिए।

सारा सिंह, एलपीसी, आम्रपाली योजना

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मेरी टीचर ही मेरी रोल मॉडल

सेल्फ स्टडी पर पूरा फोकस किया। रोज दो घंटे मैथ को देती थी। इसके अलावा स्कूल से आकर चार घंटे घर पर पढ़ाई करती थी। बोर होती तो कुछ लिखने लगती। इस रिजल्ट के लिए टीचर्स और पेरेंट्स को शुक्रिया कहूंगी। मैं देश की सेवा करना चाहती हूं, इसलिए सिविल सर्विसेज की तैयारी करूंगी। मेरी रोल मॉडल स्कूल की टीचर हैं जो हमेशा कहती हैं कि मुसीबतों का डट कर सामना करना चाहिए।

दिव्या त्रिपाठी, आरएलबी विकासनगर

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पापा की तरह बनना है इंजीनियर

मेरे पापा गिरिश कुमार गुप्ता सेंट्रल गवर्नमेंट में इंजीनियर हैं, वही मेरे रोल मॉडल हैं। मुझे भी उनकी तरह इंजीनियर बनना है। एग्जाम के दौरान मैंने कोई तनाव नहीं लिया और हर सब्जेक्ट को पढ़ता रहा। मेरी मां अर्चना गुप्ता हाउस वाइफ हैं और एग्जाम के दौरान उन्होंने मुझे किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होने दी। मैं सोशल मीडिया का यूज नहीं करता हूं।

अयान गुप्ता, एलपीएस, सेक्टर आई

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16-16 घंटे की पढ़ाई

एग्जाम से पहले नार्मल 8-10 घंटे पढ़ाई करता था, वहीं आखिरी माह में 16 घंटे तक पढ़ाई की। एनसीआरटी बुक्स से ही पढ़ा। उसके बाद दूसरी किताबों से पढ़ाई की। एलोन मास्क मेरे रोल मॉडल हैं। मुझे आईआईटी से इंजीनियरिंग करनी है। फादर पवन कुमार राय एसबीआई लाइफ में सीनियर ब्रांच मैनेजर और मां सुषमा राय हाउस वाइफ है। पूरा परिवार मेरी इस सफलता से बेहद खुश है।

हर्षित राय, एलपीएस रायबरेली रोड

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एयरफोर्स में जाना मेरा सपना है

मेरी इस सफलता का पूरा श्रेय पेरेंट्स और टीसर्च को जाता है। एग्जाम के दौरान मैंने रोज 3 से 4 घंटे पढ़ाई की और हर सब्जेक्ट पर पूरा ध्यान दिया। वाट्सएप से टीचर्स ने मेरी पूरी मदद की। जब भी कहीं कोई प्रॉब्लम होती थी तो मैं टीचर्स से मदद लेती थी। डिफेंस सर्विस में जाना मेरा सपना है और मैं एयरफोर्स में जाकर करियर बनाना चाहती हूं।

सौम्या शुक्ला, एलपीएस रायबरेली रोड

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