लखनऊ (ब्यूरो)जेसीपी लॉ एंड आर्डर पीयूष मोर्डिया के मुताबिक शहर के सभी सर्किल के थाना प्रभारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह अपने एरिया के स्लम एरिया में जाकर जरूरतमंद बच्चों को चिन्हित कर उन्हें पुलिस ऑफिस तक लाएं और उन्हें वस्त्र सेवा से लाभांवित कराएं। इस सिस्टम के तहत हर दिन एक थाने से एक सब इंस्पेक्टर की निगरानी में करीब 10 से 15 बच्चे हर दिन पुलिस ऑफिस स्थित वस्त्र सेवा बैैंक आते हैं और हर बच्चे को उनकी मनपसंद की दो-दो ड्रेस फ्री दी जाती है।

सेलेक्शन का दिया जाता है अधिकार
जेसीपी का कहना है कि गरीब व जरूरतमंद बच्चों को ड्रेस बांटने से उनके अंदर दूसरी भावना पैदा हो सकती है इसलिए बच्चों को सब इंस्पेक्टर की निगरानी में पुलिस ऑफिस स्थित वस्त्र सेवा बैैंक लाया जाता है और वहां मॉल की तर्ज पर अपनी मनपसंद के कपड़ों को चुनने का मौका दिया जाता है। बच्चों के साथ पुलिस के एक अफसर कुछ देर के लिए रूबरू होते हैं। इस दौरान उनके साथ लंच शेयर किया जाता है।

सभी मौसम के कपड़े उपलब्ध हैं
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में पांच सर्किल हैं और 40 थाने हैं। एक सर्किल के पूरे थानों से बारी खत्म होने के बाद दूसरे सर्किल के थानों की बारी आती है। वस्त्र बैैंक में बच्चों के लिए नई ड्रेस की व्यवस्था शहर के व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ-साथ कई समाज सेवी संस्थाएं कर रही हैं। यही नहीं बच्चों के साथ-साथ बुजुर्ग, महिलाओं के लिए भी वस्त्र बैैंक में कपड़े उपलब्ध किए जा रहे हैं। यहां हर जरूरतमंद के लिए सर्दी, गर्मी सभी मौसम के हिसाब से कपड़े दिए जा रहे हैं।

एक सप्ताह में शुरू हो जाएगा बुक बैैंक
गरीब व जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई का सपना भी पुलिस जल्द पूरा करेगी। इसके लिए एक हफ्ते में बुक बैैंक शुरू किया जाएगा। जेसीपी पीयूष मोर्डिया ने बताया कि शहर में तीन से चार जगहों पर बुक बैैंक बनाया जा रहा है। ताकि बच्चों को दूर तक भटकने की जरूरत न पड़े। इसमें बच्चों के साथ-साथ युवा वर्ग के लिए सिलेब्स व प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए किताबें निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। अभी दो जगहों पर जगह चिन्हित कर ली गई है। यहां पर कई पब्लिकेशन व स्कूलों ने किताबें भी उपलब्ध करना शुरू कर दिया है।


वस्त्र बैैंक में हर बच्चे को दो-दो ड्रेस दी जाती है। इसकी जिम्मेदारी सभी थाना प्रभारियों को दी गई है कि वह अपने एरिया के स्लम एरिया से बच्चों को चिन्हित करके वस्त्र बैैंक में लाएं। हर दिन 10 से 15 बच्चों को ड्रेस दी जा रही है। जल्द ही बुक बैैंक भी शुरू किया जाएगा।
पीयूष मोर्डिया, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर लॉ एंड आर्डर