- पिंक टॉयलेट की व्यवस्था को लेकर आधी आबादी ने खुलकर रखे अपने विचार

- मार्केट्स से लेकर प्रमुख मार्गो पर पिंक टॉयलेट की व्यवस्था किए जाने की मांग

LUCKNOW शहर को स्मार्ट बनाने के लिए भले ही कई योजनाओं पर काम किया जा रहा हो लेकिन सही मायने में शहर तभी स्मार्ट कहलाएगा, जब आधी आबादी की सबसे बड़ी और प्रमुख जरूरत पिंक टॉयलेट की दिशा में कदम उठाए जाएं। अक्सर देखने में आता है कि पिंक टॉयलेट की सुविधा न होने की वजह से महिलाओं और युवतियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिम्मेदारों की ओर से पिंक टॉयलेट को लेकर योजनाएं तो बनाई जाती हैं लेकिन नतीजा सिफर ही रहता है।

पिंक टॉयलेट का अकाल

डीजे आईनेक्स्ट की ओर से लगातार बताया जा रहा है कि मार्केट्स से लेकर प्रमुख मार्गो में पिंक टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। वहीं कई ऐसे पब्लिक टॉयलेट हैं, जिनकी स्थिति खासी खराब है। अगर पिंक टॉयलेट की व्यवस्था करा दी जाए साथ ही पब्लिक टॉयलेट की स्थिति में सुधार लाया जाए तो निश्चित रूप से आधी आबादी को बड़ी राहत मिलेगी।

1-पिंक टॉयलेट का इंतजार

शहर भले ही स्मार्ट शहरों की लिस्ट में शामिल हो गया हो, लेकिन एक हकीकत यह है कि शहर में कहीं भी पिंक टॉयलेट की प्रॉपर व्यवस्था नजर नहीं आती है। इसकी वजह से हम सभी को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मार्केट एरिया में तो कम से कम पिंक टॉयलेट की व्यवस्था कराई जानी चाहिए। इसकी वजह यह है कि मार्केट में सबसे ज्यादा महिलाओं का आना जाना रहता है। शहर की जितनी भी प्रमुख मार्केट्स हैं, वहां कहीं भी पिंक टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। त्योहार के दौरान तो मार्केट्स में महिलाओं की सबसे अधिक भीड़ देखी जा सकती है। ऐसे में जरूरी है कि जिम्मेदार जल्द से जल्द पहले चरण में मार्केट्स में पिंक टॉयलेट की व्यवस्था कराएं। जिससे मार्केट आने वाली महिलाओं को राहत मिल सके।

रेणुका टंडन, प्रेसीडेंट, एमरन फाउंडेशन एंड लखनऊ फिल्म फोरम

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2-कब बनेंगे पिंक टॉयलेट

मेरे नजरिए में तो सबसे पहले पिंक टॉयलेट की व्यवस्था जल्द से जल्द कराई जानी चाहिए। मार्केट्स से लेकर प्रमुख मार्गो में कहीं भी पिंक टॉयलेट नजर नहीं आते हैं। अगर कहीं पिंक टॉयलेट हैं भी, तो इसकी जानकारी हमें नहीं है। जिम्मेदारों को इसका भी प्रचार प्रसार करना चाहिए कि पिंक टॉयलेट की सुविधा कहां पर है। वहीं पिंक टॉयलेट में महिला कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगाई जाए। जिससे हम खुद को सेफ फील कर सकें। मेरा मानना है कि अभी तो पिंक टॉयलेट की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इस तरफ तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए। जिससे आधी आबादी को सुविधा मिल सके।

डॉ। अनीता मिश्रा, विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र, एमएल वर्मा पीजी कॉलेज

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3-पब्लिक टॉयलेट की स्थिति सुधरे

शहर में कई स्थानों पर पब्लिक टॉयलेट तो नजर आते हैं लेकिन उनकी स्थिति देखकर खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका यूज करना कितना सेफ है। जिम्मेदारों को पब्लिक टॉयलेट की कंडीशन तो सुधारनी चाहिए साथ ही महिलाओं की सेफ्टी से जुड़े कदम भी उठाने चाहिए। जब तक पब्लिक टॉयलेट में सेफ्टी के इंतजाम नहीं होंगे, तब तक हम उसका यूज नहीं कर सकते हैं। मेरा मानना यह भी है कि टॉयलेट की साफ सफाई पर भी खासा ध्यान देना चाहिए। निश्चित रूप से पहले से तो स्थिति सुधरी है लेकिन अभी पिंक टॉयलेट की दिशा में काम किए जाने की खास जरूरत है।

आरुषि टंडन, सीनियर वाइस प्रेसीडेंट, फिक्की फ्लो, लखनऊ चैप्टर

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4-सेफ्टी-सफाई पहली जरूरत

मेरा तो स्पष्ट रूप से मानना है कि चाहे वो पब्लिक टॉयलेट हो या पिंक टॉयलेट, सेफ्टी और सफाई पर खासा फोकस करना चाहिए। प्रमुख मार्गो के किनारे पब्लिक टॉयलेट नजर तो आते हैं लेकिन उनकी कंडीशन बेहद खराब दिखती है। पिंक टॉयलेट की बात की जाए तो फिलहाल इस सुविधा की खासी कमी देखने को मिलती है। मार्केट की बात करें या पब्लिक प्लेसेस की, पिंक टॉयलेट की सुविधा हमें नहीं मिलती है। पिंक टॉयलेट की सुविधा को लेकर योजनाएं तो बनती हैं लेकिन जरूरत है कि इन योजनाओं को तत्काल पूरा किया जाए। जिससे पिंक टॉयलेट संबंधी समस्या दूर हो सके।

पूजा गर्ग, प्रेसीडेंट, फिक्की फ्लो, लखनऊ चैप्टर

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5-पिंक टॉयलेट पर हो फोकस

मैंने तो समाचार पत्रों के माध्यम से कई बार पढ़ा है कि राजधानी में पिंक टॉयलेट की सुविधा मिलेगी। हालांकि अभी तक पिंक टॉयलेट की सुविधा नजर नहीं आती है। मार्केट्स और प्रमुख मार्गो के किनारे पब्लिक टॉयलेट तो दिख जाते हैं लेकिन पिंक टॉयलेट नजर नहीं आते हैं। मेरा मानना है कि अगर पिंक टॉयलेट की सुविधा मिल जाए तो हमें खासी राहत मिलेगी। मुझे पूरी उम्मीद है कि इस साल में जरूर मार्केट्स में आधी आबादी को पिंक टॉयलेट की सुविधा मिल सकती है। हालांकि सही तस्वीर तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

डॉ। सरिता सिंह

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6-हमें तो इंतजार ही है

फिलहाल तो हमें पिंक टॉयलेट का इंतजार ही है। लंबा वक्त गुजर चुका है लेकिन अभी तक न तो राजधानी के प्रमुख मार्केट्स में पिंक टॉयलेट की व्यवस्था की गई है न ही प्रमुख मार्गो के किनारे। इस सुविधा के न मिलने से आधी आबादी को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि पिंक टॉयलेट में साफ सफाई का भी खास ध्यान रखा जाए। अगर पिंक टॉयलेट गंदे रहेंगे तो सुविधा मिलने के बावजूद उसका यूज नहीं किया जा सकेगा। पब्लिक टॉयलेट में भी साफ सफाई का खासा ध्यान रखा जाना चाहिए।

मंजरी शुक्ला, बैंकर

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7-पिंक टॉयलेट की सुविधा मिले

मेरा तो यही मानना है कि पिंक टॉयलेट की सुविधा मिलना हमारा हक है। हैरानी की बात तो यह है कि शहर को स्मार्ट बनाने के लिए कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है लेकिन एक हकीकत यह भी है कि राजधानी में पिंक टॉयलेट की संख्या खासी कम है। अमीनाबाद, भूतनाथ समेत कई मार्केट्स ऐसी हैं, जहां पर प्रतिदिन मेरी जैसी हजारों महिलाएं आती हैं लेकिन मार्केट्स में पिंक टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। पब्लिक टॉयलेट तो नजर आते हैं लेकिन उनकी स्थिति देखकर उनका यूज नहीं किया जा सकता है। ऐसे में जरूरी है कि सबसे पहले जल्द से जल्द पिंक टॉयलेट की व्यवस्था की जाए।

रश्मि त्रिपाठी, टीचर

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8-शारीरिक परेशानी होती है

वर्तमान समय में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं। घर से बाहर निकलना उनके लिए अब शौक नहीं, जरूरी हो गया है। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर पिंक टॉयलेट न होने से महिलाओं को शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्यादा देर तक टॉयलेट रोकना हेल्थ के लिए बेहद खतरनाक है। मासिक चक्र के समय में स्कूल और सार्वजनिक स्थानों पर टॉयलेट की कमी खासी खलती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हमारी सेहत को ध्यान में रखते हुए शहर में पिंक टॉयलेट की व्यवस्था अतिशीघ्र की जाए।

हेमा खत्री, सचिव, माध्यम सामाजिक संस्था