- 1090 चौराहे पर लगी ट्रैफिक पंचायत, डीसीपी ट्रैफिक ने बस ड्राइवर व कंडेक्टर से समस्या सुनी

- स्कूल बस में सीसीटीवी नहीं तो होगी कार्रवाई

LUCKNOW: स्कूल की बसों में आग लगने के दौरान सुरक्षा के उपाय के बारे में जानकारी देने के लिए मॉक ड्रिल कराई जाएगी। इसके लिए सभी स्कूलों से पत्राचार किया जा रहा है। वहीं बस चालक व कंडक्टर से फस्ट एड बॉक्स में रखी दवाइयों के बारे में जानकारी हासिल की गई। कई बस चालकों को यह पता ही नहीं कि बॉक्स में दवा है या नहीं। दवा है तो एक्सपायरी तो नहीं है। इसके संबंध में रविवार को डीसीपी यातायात ख्याति गर्ग ने 1090 चौराहे पर ट्रैफिक पंचायत का आयोजन किया। जिसमें बस ड्राइवर्स व कंडक्टरों से बातचीत कर समस्याओं के बारे में जानकारी ली गई।

पंचायत में प्रॉब्लम के साथ सॉल्यूशन भी

ट्रैफिक पंचायत में आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस के पांच अधिकारी बतौर पंच बैठे थे। उनके सामने स्कूल बस के ड्राइवर व कंडक्टर अपनी समस्यायें रख रहे थे। जिसका निस्तारण किया गया। डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग के मुताबिक किसी भी स्कूल में बस में आग लगने की हालत में सुरक्षा कैसे किया जाए इसके बारे में जानकारी नहीं दी जाती है। यहां तक बस चालक व कंडक्टर को यह नहीं पता है कि अंदर लगा फायर फाइटिंग सिस्टम काम कर रहा है या नहीं। उसकी मरम्मत अंतिम बार कब हुई। वहीं यह भी नहीं पता है कि आग लगने पर बच्चों को कैसे सुरक्षित निकाला जाए और आग पर काबू पाया जाए। डीसीपी के मुताबिक स्कूलों को पत्र भेजकर मॉक ड्रिल के जरिए सुरक्षा संबंधी जानकारी दी जाएगी। ट्रैफिक पंचायत में 100 से अधिक स्कूल बस ड्राइवर्स व कंडक्टर शामिल थे।

बस में सीसीटीवी जरूरी, नहीं तो होगी कार्रवाई

डीसीपी के मुताबिक स्कूल बस में सीसीटीवी कैमरा होना जरूरी है। अगर बस में सीसीटीवी कैमरा नहीं है तो संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं बस के रखरखाव से जुड़े लोगों पर भी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने मैनेजमेंट को इस बात की लगातार चेकिंग करनी होगी। कहीं चालक व कंडक्टर शराब पीकर गाड़ी तो नहीं चला रहे हैं। वहीं बच्चों को उनके पैरेंट्स को ही सुपुर्द कर रहे या किसी अन्य को। खासकर जब बस में अंतिम बच्चा बचता है। उसे पहुंचाने के दौरान बच्चे को किसी भी तरह की दिक्कत तो नहीं हो रही है। उसके साथ शारीरिक छेड़छाड़ या मानसिक प्रताड़ना तो नहीं दी जा रही है। अगर इस तरह की शिकायत मिलती है संबंधित बस ड्राइवर व कंडक्टर पर तत्काल कार्रवाई करें। उसके बारे में थाने को सूचना दे। ताकि उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।