लखनऊ (ब्यूरो) राजधानी में बुखार के मरीज उन एरिया में ज्यादा सामने आ रहे हैं, जहां जलभराव की समस्या सामने आती है। सितंबर माह से अब तक फैजुल्लागंज में 200, सरोजनीनगर, तेलीबाग और पारा एरिया में अब तक 100 के करीब बुखार के मरीज सामने आ चुके हैं। वहीं माल, मलिहाबाद, मोहनलालगंज आदि ग्रामीण क्षेत्रों में भी बुखार के मरीज लगातार मिल रहे हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जो प्लेटलेट्स की जांच कराकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।

हर बुखार डेंगू नहीं

लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि इन दिनों कई मरीज प्लेटलेट्स की जांच रिपोर्ट लेकर अस्पताल आ रहे हैं। यहां जब उनकी दोबारा जांच कराई जाती है तो उस रिपोर्ट में उनकी प्लेटलेट्स पहले से अधिक मिलती हैं। इसके पीछे कई कारण हैं। जिसमें सामान्य बुखार भी एक कारण होता है। जिसमें बुखार आने पर प्लेटलेट्स कुछ कम हो जाती हैं और फिर बुखार एक-दो दिन में ठीक होते ही प्लेटलेट्स फिर बढ़ जाती हैं। ऐसे में लोगों को समझना होगा कि हर बुखार डेंगू नहीं होता है। ऐसे में पैनिक होने से बचना चाहिए।

तभी चढ़ाएं प्लेटलेट्स

डॉ अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि अगर किसी मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स 20 हजार से कम हो जाएं, तभी प्लेटलेट्स चढ़ाई जानी चाहिए। हालांकि करीब 90 प्रतिशत डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती है। वहीं राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के डॉ। संजीव ने बताया कि प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए नींबू पानी, गिलोय, चुकंदर, पपीता एवं आंवला आदि का सेवन करना चाहिए।

डेंगू को लेकर लोगों में डर है। लोगों को समझना चाहिए कि हर बुखार डेंगू नहीं होता है। सामान्य बुखार में भी प्लेटलेट्स की संख्या में कुछ कमी आ सकती है।

डॉ अजय शंकर त्रिपाठी, एमएस, लोकबंधु अस्पताल