- दिल्ली के रोहणी इलाके में किराए का मकान की तलाश में था गिरधारी

- 19 साल की उम्र की अपराध की दुनिया में रखा था कदम

- 22 हत्या व हत्या के प्रयास के मामले दर्ज है

mayank.srivastava@inext.co.in

LUCKNOW : कठौता चौराहे पर गैंगवार में हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या को अंजाम देने वाला शूटर व शातिर अपराधी गिरधारी उर्फ कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर रोडवेज बस से दिल्ली भागा था। सुल्तानपुर में इलाज के बाद घायल गिरधारी और उसके शूटर साथी को सफेदपोश माफिया के गुर्गे रेहान ने उज्जैन छोड़ा था। वहां से गिरधारी रोजवेज बस से दिल्ली की तरफ भागा, जबकि उसका साथी मुंबई की तरफ निकला। दिल्ली पहुंचने के बाद वह मुख्तार के गुर्गो व पुलिस से बचने के लिए रोहणी इलाके में किराए का मकान तलाश कर रहा था। इसी दौरान दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने उसे 9 एमएम पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया।

कुंटू के कहने पर की हत्या

दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने गिरधारी को प्रतिबंधित अवैध आ‌र्म्स रखने के मामले में गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह के कहने पर ही उसने अजीत सिंह की हत्या की है। वह कुंटू सिंह के लिए काफी अर्से से काम कर रहा है। उसी के कहने पर उसने विधायक सीपू सिंह की भी हत्या की थी।

एक लाख का है इनामी

दिल्ली पुलिस के अनुसार 2016 में गिरधारी को हत्या के केस में जमानत मिली थी, जिसके बाद से वह फरार हो गया था। 2019 में गिरधारी ने नितेश उर्फ बबलू की हत्या की थी। जिसके बाद बनारस पुलिस ने क्राइम नंबर 462ख्/19 के तहत उसके ऊपर पचास हजार का इनाम बढ़ा कर एक लाख रुपये कर दिया था। बनारस पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ भी उसकी तलाश कर रही थी। हालांकि उसने आजमगढ़ व मऊ के साथ-साथ दिल्ली व लखनऊ में अपना ठिकाना बनाया था।

रोहणी में तलाश रहा था मकान

दिल्ली पुलिस के अनुसार दिल्ली पहुंचने के बाद गिरधारी सुरक्षित ठिकाने के लिए रोहणी के सेक्टर 11 में किराए का मकान तलाश रहा था। वह जानता था कि होटल व किसी गुर्गे के ठिकाने पर शरण लेने पर पुलिस उस तक पहुंच सकती है। इसके अलावा उसे मुख्तार के गुर्गे के साथ-साथ यूपी पुलिस का भी खौफ था।

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19 साल की उम्र में रखा का अपराध की दुनिया में कदम

गिरधारी 12वीं पास है और उसने महज 19 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। माफिया कुंटू सिंह के इशारे पर उसने कई हत्या भी की हैं। गिरधारी ने शादी भी की थी लेकिन उसके अपराधिक प्रवृत्ति के चलते कई साल पहले उसकी पत्नी उसे छोड़ कर चली गई।

रैकी कर दिया वारदात को अंजाम

अजीत सिंह की हत्या की पठकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। बस उस जगह की तलाश की जा रही थी जहां वारदात को अंजाम दिया जा सके। अजीत के बढ़े कद और उसके काफिले को देख गिरधारी की भी हिम्मत नहीं हुई कि आजमगढ़ व मऊ में उसकी हत्या को अंजाम दे सके। दिल्ली पुलिस के पूछताछ में गिरधारी ने बताया कि उसे मालूम था कि अजीत का संपर्क लखनऊ में रहने वाली एक महिला से है। वह महिला से मिलने अक्सर लखनऊ जाता है और उस समय वह अपने काफिले के साथ नहीं रहता हैं। गिरधारी ने कई दिनों तक अजीत का पीछा कर रैकी की थी कि वह महिला से मिलने कब आता है और लखनऊ में कहां कहां जाता है। जिसके बाद वारदात को अंजाम देने के लिए प्लानिंग फाइनल रूप दिया गया।