- सेटेलाइट इमेज से निर्माणों का डेटा तैयार कराया जाएगा

- एलडीए वीसी की ओर से उठाया गया कदम

LUCKNOW

एक तरफ जहां अवैध कॉलोनियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी गई है, वहीं दूसरी तरफ अवैध निर्माणों को समय-समय पर सामने लाने के लिए भी एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। इसके लिए सेटेलाइट इमेज की मदद ली जाएगी। जिससे आसानी से यह जाना जा सकेगा कि राजधानी में कितने निर्माण हुए और उसमें से कितने अवैध हैं।

डाटा बनेगा मददगार

शहर की सेटेलाइट इमेज का डाटा जुटाने का काम किया जाएगा। हर छह माह के अंतराल में शहर की गूगल सेटेलाइट इमेज संकलित की जाएगी। जिसकी मदद से अवैध निर्माण व अवैध कॉलोनी का पूरा कच्चा चिट्ठा खुल जाएगा।

जिम्मेदारी भी तय होगी

इससे यह भी तय हो सकेगा की अवैध निर्माण होने के समयकाल में उस क्षेत्र में कौन अभियंता, सुपरवाइजर व संबंधित कर्मचारी तैनात थे। इससे उनके खिलाफ कार्रवाई आसानी से की जा सकेगी।

धड़ल्ले से होता है अवैध निर्माण

राजधानी के लगभग सभी इलाकों में अवैध निर्माण धड़ल्ले से होता है। राजधानी के पॉश एरिया भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जिम्मेदारों की ओर से अवैध निर्माणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती है, जिसके कारण अवैध निर्माणों का ग्राफ लगातार बढ़ता रहता है।

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जनता होती है परेशान

अवैध निर्माणों का सबसे अधिक नुकसान आम जनता को उठाना पड़ता है। इसकी वजह यह है कि अवैध निर्माण कराकर जनता को बेच दिया जाता है। जब जांच होती है तब जनता को निर्माण संबंधी हकीकत पता चलती है लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है।