- यूपीएससी के रिजल्ट में राजधानी की शिवांगी ने हासिल की 88वीं रैंक

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LUCKNOW: lucknow@inext.co.in

LUCKNOW: यूपीएससी ख्0क्9 का रिजल्ट मंगलवार को जारी किया गया जिसमें होनहारों ने फिर शहर का नाम रोशन किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी सफल कैंडीडेट्स और उनके माता-पिता को हार्दिक बधाई दी। देश में थर्ड पोजीशन हासिल करने वाली सुल्तानपुर की प्रतिभा वर्मा को विशेष रूप से बधाई दी। आशियाना स्थित पीडब्लूडी कॉलोनी की शिवांगी श्रीवास्तव ने 88 रैंक हासिल की तो अवध कॉलिजिएट की शिवा सिंह ने फ्09वीं रैक हासिल की। वहीं यशलोक कुमार दत्त को म्80वीं रैंक और उर्वी वर्मा ने म्79वीं रैंक हासिल की।

इंटरव्यू में देखी जाती है पर्सनैलिटी

बीटेक करने के साथ ही मन में आईएएस बनने की भी इच्छा थी। आईआईटी दिल्ली से पीएचडी के साथ यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। ऐसे में बहुत ज्यादा स्ट्रेस था, इससे मेरा दो अटेम्ट में यूपीएससी क्लीयर नहीं हुआ। इसके बाद ख्0क्8 में पढ़ाई से ब्रेक लेकर यूपीएससी की कोचिंग की और मेंस क्वालीफाई किया। तैयारी के साथ एजूकेशन भी जारी रखनी चाहिए। मेरा मानना है कि इंटरव्यू में आपकी पर्सनैलिटी देखी जाती है, जो भी बायोडाटा आप देते हैं सवाल उससे रिलेटेड होते हैं। मेरे भाइयों ने मेरा पूरा ध्यान रखा।

शिवांगी श्रीवास्तव, रैंक 88

टिप्स:

आठ घंटे पढ़ाई करती थी और एक घंटे सिलेबस को पढ़ती थी। इंटरनेट की खूब हेल्प ली और अंग्रेजी अखबारों ने खूब हेल्प की। आईएएस की तैयारी के डेडीकेशन बहुत जरूरी है। करंट अफेयर्स को पूरी तरह पढ़ें। हर टॉपिक को जानें।

शिवांगी श्रीवास्तव, रैंक 88 रैंक

आत्मविश्वास से मिली सफलता

मैंने यूपीएससी पांचवे अटेंप्ट में क्लीयर किया है। ख्0क्फ् में ग्रेजुएशन किया, इसके बाद मुंबई में आईडीबीआई बैंक में पीओ की जॉब करने लगा। ख्0क्म् में जॉब छोड़कर आईएएस की तैयारी शुरू की। ये मेरी लाइफ का टर्निंग प्वाइंट था। पापा और भाई ने मुझे सर्पोट किया। मैं हर बार प्रीलिम्स निकाल लेता था। कई बार मन ने निराशा आती थी, लेकिन टीचर्स, पापा और दोस्त मेरा मनोबल बढ़ाते रहे। हर बार रीडिंग पर ध्यान दे रहा था, लेकिन लेखनी पर ध्यान नहीं देता था। लास्ट में मैंने लेखनी पर फोकस किया और मेंस निकाल लिया।

टिप्स

खुद पर भरोसा रखें, आप एग्जाम निकाल लेंगे। पढ़ाई के साथ अपनी लेखनी भी मजबूत रखें। दिन में आठ से क्0 घंटा पढ़ाई करना जरूरी है।

यशलोक कुमार दत्त, रैंक म्80

बस गाइडेंस की होती है जरूरत

घर में फाइनेंशियल प्रॉब्लम थी। मेरे पापा पाल्ट्री न्यूट्रिशिनिस्ट हैं। आईएएस की तैयारी के लिए दिल्ली में कोचिंग ज्वाइन की थी और वहां पीजी में रहती थी। कई बार तो टेस्ट सीरीज के पैसे भी दोस्तों ने अरेंज की। इसकी तैयारी के लिए आपको बस गाइडेंस की जरूरत होती है। इसके बाद रास्ते खुद क्लीयर हो जाते हैं। सिर्फ उतना ही पढ़ें जितने का रिवीजन किया जा सके। मैं रोज क्0 से क्ख् घंटे पढ़ाई करती थी। सेकंड अटेंप्ट में यूपीएससी निकाला है। मैंने श्रीराम कॉलेज दिल्ली से बीकॉम ऑनर्स किया है और राजधानी के अवध कॉलिजिएट से पढ़ाई की।

टिप्स

अपनी प्रॉब्लम को पहचानना जरूरी है। लिमेटेड पढ़ें, स्टेंडर्ड की बुक्स पढ़ें। पढ़ाई में अनुशासन बनाए रखें।

शिवा सिंह, रैंक फ्09

सेल्फ स्टडी से मिली सफलता

ये मेरा सेकंड अटेंप्ट था। मैंने ख्0क्म् में आईईटी लखनऊ से बीटेक किया था। मेरी स्कूलिंग केवीएस से थी। ख्0क्7 यूपीएससी की तैयारी कर रही हूं। पहले में कोचिंग के लिए दिल्ली गई, लेकिन फिर सेल्फ स्टडी की। पटना से ही ऑनलाइन पढ़ाई की। फ‌र्स्ट अटेंप्ट में पैटर्न समझ नहीं आया। जब भी निराश होती तो टॉपर्स के इंटरव्यू पढ़ती। सेकंड अटेंप्ट में प्री क्लीयर हुआ तो कॉन्फीडेंस बढ़ गया। मेंस का रिजल्ट जनवरी में आया था, इसके बाद मैंने इंटरव्यू की तैयारी की। करेंट अफेयर्स, प्री लिम्स, मेंस इंटरव्यू सब में काम आता है। पांच मार्च को भी पेपर पढ़कर गई थी। पेरेंट्स का पूरा सपोर्ट रहा। आईएएस निरुपमा राय मेरी आइडियल हैं।

टिप्स

अगर एक अटेंप्ट में आप आईएएस नहीं निकाल पाए हैं तो निराश होने की जरूरत नहीं है, इतना आगे आने पर सब कर सकते हैं। पैशन होना अच्छी बात है लेकिन इसके अलावा भी लाइफ होती है। तैयारी के लिए हेल्थ का पूरा ध्यान रखना चाहिए। डिस्टर्ब हों तो ब्रेक ले लेना चाहिए। मैं क्0 से क्ख् घंटे तक पढ़ती थी।

उर्वी वर्मा, म्79 वीं रैंक