- लखनऊ के तीन और बाराबंकी के दो जालसाजों पर मुकदमा

- प्रति किलो 100 ग्राम की घटतौली करते थे जालसाज

LUCKNOW: यूपी एसटीएफ की टीम ने पेट्रोल पंप के बाद अब इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन में घटतौली के लिये चिप व रिमोट लगाने का खेल उजागर किया है। टीम ने बाराबंकी के लोनी कटरा से इस गोरखधंधे के मास्टरमाइंड को अरेस्ट किया है। जालसाज राजधानी समेत आसपास के जिलों के बड़े अनाज व्यापारियों के संपर्क में थे और तौल मशीन में यह चिप व रिमोट लगाकर लाखों में बेचते थे। अब एसटीएफ पता लगा रही है कि आरोपी ने चिप व रिमोट वाली तौल मशीन कहां-कहां इंस्टॉल की है।

खराब मशीन ठीक करने जा रहा था मास्टरमाइंड

एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, बीते दिनों सूचना मिली कि इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन में चिप लगाकर व उसे रिमोट से संचालित कर घटतौली करने और बड़े स्तर पर ऐसे इलेक्ट्रॉनिक तराजू के इस्तेमाल की सूचना मिल रही थी, जिसमें चिप लगाकर व उसे रिमोट से संचालित कर घटतौली की जा रही है। यह भी पता चला था कि ऐसे इलेक्ट्रॉनिक तराजू का इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जा रहा है और घटतौली कर भारी मुनाफा कमाया जा रहा है। इस सूचना पर डीएसपी अमित कुमार नागर के नेतृत्व में टीम गठित कर इस गोरखधंधे की जांच का आदेश दिया गया था। जांच के दौरान टीम को पता चला कि पूरे गोरखधंधे का मास्टरमाइंड शुक्रवार को बाराबंकी के लोनी कटरा में एक खराब मशीन को ठीक करने जा रहा है।

रिमोट दूसरे से बनवाता था आरोपी

जानकारी मिलते ही एसटीएफ टीम ने लोनी कटरा स्थित मंगलपुर गांव के करीब घेराबंदी कर ली। इसी दौरान वहां आ पहुंचे मास्टरमाइंड बिरहाना, नाका हिंडोला निवासी दिनेश उपाध्याय को एसटीएफ टीम ने दबोच लिया। पूछताछ में उसने कुबूल किया कि वह ही इलेक्ट्रॉनिक तराजू में लगायी जाने वाली चिप तैयार करता और लगाता था। जबकि, इसका रिमोट आलमबाग स्थित माधव कॉम्पलेक्स निवासी अशफाक बनाता है। उसने यह भी बताया कि आलमबाग निवासी नवल पांडेय से वे लोग चिप व रिमोट बनाने में इस्तेमाल सामान खरीदते हैं। पूछताछ में आरोपी दिनेश ने बताया कि राजाजीपुरम निवासी हरमीत सिंह उसका टेक्नीशियन है, जो ऑर्डर पर मशीनों में चिप व रिमोट इंस्टॉल करता है। दिनेश ने पूछताछ में यह भी बताया कि गौरवा उस्मानपुर स्थित शमशुल हसन व मोहम्मद लल्लन के अलावा नगराम निवासी रामकिशन, राम विलास साहू और लाल बहादुरकी दुकान में यह इलेक्ट्रॉनिक तराजू लगाया है। टीम आनन-फानन वहां पहुंची लेकिन, शमशुल हसन व मोहम्मद लल्लन मौके से फरार हो गए। हालांकि, एसटीएफ टीम ने मास्टरमाइंड दिनेश उपाध्याय के साथ ही हरमीत सिंह, रामकिशन, राम विलास साहू और लाल बहादुर को अरेस्ट कर लिया। एसटीएफ अशफाक, नवल पांडेय, शमशुल हसन व मोहम्मद लल्लन की तलाश में जुट गयी है।

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प्रति किलो 100 ग्राम की घटतौली

एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक तराजू में पीसीबी लगाता था। इस पीसीबी की मदद से प्रति किलो 100 ग्राम की घटतौली की जाती थी। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को पीसीबी में ही इस तरह प्रोग्राम किया गया था कि जिससे उसको मनमाने तरीके से नियंत्रित करके घटतौली की जा सके। रिमोट दबाते ही एक किलो ग्राम राशन तुरंत 900 ग्राम हो जाता था। इससे गल्ला बेचने वाले किसानों को भनक भी नहीं लगती थी। वहीं, जब कोई मशीन को चेक करने के लिये वजन का बांट रखता तो दुकानदार रिमोट के जरिए उसे सामान्य कर देता। जिससे उसका वजन बांट के बराबर दिखाता।

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बांट-माप विभाग की बड़ी लापरवाही

एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि जितने भी इलेक्ट्रॉनिक तराजू की जांच की गयी उन्हें बांट-माप विभाग ने प्रमाणित नहीं किया था। पूछताछ में पता चला कि बांट-माप विभाग केवल उन्हीं तराजुओं को प्रमाणित करता है जिसे व्यापारी खुद ही उनके दफ्तर लेकर पहुंच जाता है। इतना ही नहीं, विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है कि कई तराजुओं में निर्माता कंपनी का नाम तक दर्ज नहीं है। बावजूद इसके यह दुकानदार इनका धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे थे।