- परिवहन विभाग ने जारी किया आदेश

- परमानेंट लाइसेंस लेकर करें ड्राइविंग

- रसीद दिखाने पर अब कटेगा चालान

LUCKNOW: फीस की रसीद दिखाकर लोग वाहन नहीं चला सकेंगे। परिवहन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि आरटीओ कार्यालय से मिलने वाली फीस की रसीद ड्राइविंग लाइसेंस की तरह इस्तेमाल नहीं की जा सकती। ड्राइविंग के समय लाइसेंस नहीं है तो नियम के अनुरूप चलाना किया जाएगा। यह नियम दो पहिया, चार पहिया समेत सभी वाहनों पर लागू होगा।

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कई बार लाइसेंस चेकिंग के दौरान लोगों से ड्राइविंग लाइसेंस मांगा गया तो वे आरटीओ ऑफिस में फीस जमा होने वाली रसीद दिखाने लगते हैं। इस पर परिवहन विभाग में बैठक में चर्चा की गई। विभागीय अधिकारियों ने बताया आरटीओ में परमानेंट लाइसेंस के लिए आने वाले अभ्यर्थियों को पहले फीस जमा करनी होती है और उसके बाद टेस्ट देना होता है। मौके पर उन्हें यह तो पता चल जाता है कि वह पास है या फेल, लेकिन उन्हें तुरंत डीएल नहीं मिलता है। डीएल बाई पोस्ट अभ्यर्थी के घर भेजा जाता है। लेकिन कई बार लोगों का डीएल एक महीने बाद भी घर नहीं पहुंचता है। ऐसे में परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते के लोग जिसके पास परमानेंट लाइसेंस के आवेदन की रसीद होती थी, उन्हें छोड़ देते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब परिवहन विभाग ने स्पष्ट आदेश दे दिया है कि जिनके पास रसीद नहीं है, उनका चालान किया जाएगा।

परमानेंट लाइसेंस के लिए जमा की गई फीस की रसीद अभ्यर्थियों को दी जाती है। लेकिन यह रसीद किसी तरह से डीएल को प्रमाणित नहीं करती है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति इस रसीद को लेकर ड्राइविंग करता है तो उसका चालान किया जाएगा।

-सगीर अहमद

आरटीओ।

अधिकारियों को बचाने की थी जुगत

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चेकिंग के दौरान यदि कोई व्यक्ति पकड़ा जाता है, उसके पास फीस की रसीद है और वह ड्राइविंग टेस्ट दे चुका है। ड्राइविंग टेस्ट में वह पास है तो उसके अगले दिन के अंदर 15 दिन में अभ्यर्थी का लाइसेंस उसके पास नहीं पहुंचता है तो इसकी जिम्मेदारी आरटीओ ऑफिस की होगी। ऐसे में यह देखना होगा कि जो व्यक्ति रसीद प्रस्तुत कर रहा है उसका लाइसेंस अब तक क्यों बनाया गया है और बना है तो अब तक उसे क्यों नहीं मिला है। इस मामले में गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति को तो राहत मिल जाएगी लेकिन ऐसे में आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है। आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों को बचाने के लिए प्रर्वतन दस्ते के लोग फीस की रसीद दिखाने वाले अभ्यर्थियों को छोड़ देते हैं।