लखनऊ (ब्यूरो)। कोरोना के दौरान आरटीओ ऑफिस से जारी होने वाले सभी प्रपत्रों की समय सीमा बढ़ा दी गई थी। सरकार ने अंतिम मौका देते हुए जो समय दिया था वह 31 अक्टूबर को पूरा हो रहा है। ऐसे में राजधानी में ही दो लाख से अधिक लोगों को वाहनों की फिटनेस करानी है। आरटीओ ऑफिस में रोज फिटनेस के लिए इतने आवेदन आ रहे हैं कि टाइम स्लॉट तक नहीं दिया जा पा रहा है।
लखनऊ में सबसे ज्यादा पुरानी गाडिय़ां
प्रदेश में सबसे ज्यादा पुरानी गाडिय़ां राजधानी में हैं। ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में 20 साल से ज्यादा पुरानी 322854 निजी गाडिय़ां पंजीकृत हैं। देवा रोड एआरटीओ में दर्ज पुराने निजी वाहनों की संख्या 9213 है। ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ में 15 साल से अधिक पुराने कामर्शियल वाहनों की संख्या 14223 है। इनमें से अधिकतर के पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है।


करीब दो लाख से अधिक गाडिय़ों का फिटनेस निर्धारित समय सीमा के अंदर नहीं हो सका है। इसके बाद अगर जो भी गाडिय़ां बिना फिटनेस के पकड़ी जाएगी उनका चालान होगा।

संजीव कुमार पंकज, आरटीओ प्रवर्तन