- पीजीआई में इंटरनल असेसमेंट में दिखी दिक्कत

- अधिकारी बोले, मशीन ठीक काम कर रही

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख: कोरोना महामारी के दौरान वेंटिलेटर की सबसे ज्यादा जरूरतों को देखते हुए सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा पीएम केयर फंड से वेंटिलेटर्स भेजे गए थे। वहीं पीजीआई में बेल कंपनी के बने वेंटिलेटर की क्वालिटी इंटरनल असेसमेंट में ठीक नहीं पाई गई। हालांकि संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि यह केवल शुरुआती रिपोर्ट थी। बाद में मशीनों ने ठीक से काम किया है।

कई विभाग ने पाई कमी

दरअसल, एसपीजीआई के पल्मोनरी विभाग, एनेस्थिसिया विभाग व इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के डॉक्टर्स द्वारा इन वेंटिलेटर की जांच की गई थी। जांच के बाद विभागों द्वारा कई समस्या की ओर इशारा किया गया। पल्मोरी विभाग द्वारा मशीन का तेज आवाज करना, एनेस्थिसिया विभाग द्वारा मशीन का काम संतोषजनक नहीं पाना और इमरजेंसी विभाग द्वारा गंभीर मरीजों व 10 किलो वजन तक के बच्चों के इलाज में कारगर नहीं पाया गया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग समेत संस्थान के अधिकारी इन वेंटिलेटर को बेहतर बता रहे हैं। पीजीआई के इमरजेंसी मेडिसिन के एचओडी डॉ। आरके सिंह ने बताया कि कोई भी नई मशीन आती है तो पहले उसका इंटरनल असेसमेंट किया जाता है। ताकि ट्रेनिंग के दौरान अगर कोई दिक्कत आये तो उसे बाद में दूर किया जा सके। उसी के तहत इन मशीनों में जो दिक्कत आई उसको कंपनी से शेयर किया जा चुका है और मशीन अब सही से काम कर रही है।