12 अस्पतालों में बच्चों के लिए 1025 बेड तैयार

15 सौ से अधिक वेंटिलेटर बच्चों के लिए

5 सौ बेड का बैकअप लेकर की जा रही तैयारी

11 ऑक्सीजन प्लांट भी हो चुके तैयार

फ्लैग- कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए राजधानी तैयार

24 ऑक्सीजन प्लांट, 9 हजार बेड होंगे तैयार

- 11 ऑक्सीजन प्लांट तैयार, 13 का काम अंतिम चरण में

- बच्चों को लेकर 1500 से अधिक वेंटीलेटर तैयार

LUCKNOW:

राजधानी में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर कोहराम मचाया था, इससे सबक लेते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए चाक-चौबंद तैयारियों में जुटा है। सरकारी संग प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमितों के बेहतर इलाज की व्यवस्था की जा रही है।

बच्चों पर विशेष फोकस

सभी अस्पतालों में पीडियाट्रिक वार्ड को बेहतर करने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। अब तक 12 अस्पतालों में बच्चों के लिए 1025 बेड तैयार किए जा चुके हैं। करीब 500 बेड का बैकअप लेकर काम किया जा रहा है। 24 ऑक्सीजन प्लांट में से 11 एक्टिव किए जा चुके हैं। जबकि यह पूरा काम अगस्त माह में ही हो जाना चाहिए था। सीएमओ के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए विभाग पूरी तरह सतर्क है और जो काम बचे हुए हैं, उन्हें जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

11 ऑक्सीजन प्लांट एक्टिव

एक्सपर्ट कमेटी ने सितंबर-अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई है। कोरोना की दूसरी लहर में राजधानी में ऑक्सीजन की कमी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई थी। इससे सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग सीएचसी समेत सभी सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी में है।

13 ऑक्सीजन प्लांट पर काम

राजधानी में 24 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने हैं, जिसमें 11 ऑक्सीजन प्लांट चालू हो चुके हैं। 13 ऑक्सीजन प्लांट पर तेजी से काम किया जा रहा है। हालांकि यह काम अगस्त माह में ही पूरा करना था। नोडल इंचार्ज डॉ। अनूप श्रीवास्तव के मुताबिक जो काम बचा हुआ है, वह दो सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा। विधायक निधि के तहत जो पांच प्लांट लगने है, इसके लिए भी बजट मिल चुका है।

प्राइवेट में चल रहा काम

सीएमओ डॉ। मनोज अग्रवाल ने बताया कि कैरियर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट लग चुका है। जल्द ही टीएस मिश्रा अस्पताल में भी ऑक्सीजन प्लांट लग जाएगा। कई निजी मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था है। विभाग की ओर से निजी ऑक्सीजन प्लांट का पूरा ब्यौरा जुटा लिया गया है, ताकि समय रहते ही ऑक्सीजन की सप्लाई अस्पतालों को की जा सके। निजी संस्थानों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 20 प्रतिशत की रिबेट भी दी जा रही है।

बचाना है बचपन

एक्सपर्ट आशंका जता रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर अधिक खतरा होगा। इसे देखते हुए पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट यानि पीकू व नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट यानि नीकू बनाने के निर्देश दिए गए हैं। नीकू में दो साल से कम उम्र के बच्चों को भर्ती किया जाएगा, वहीं पीकू में दो से 18 साल तक के बच्चों का इलाज किया जाएगा। नोडल इंचार्ज डॉ। विवेक दूबे के मुताबिक करीब 1500 से अधिक बेड का इंतजाम किया गया है। इसमें 100 बेड नीकू व 925 बेड पीकू श्रेणी के हैं। 25 प्राइवेट अस्पतालों में करीब 500 बेडों का बैकअप बनाया गया है। यहां कोरोना पीडि़त बच्चों का इलाज बेहद कम दर पर किया जाएगा, हालंाकि अभी दरें तय नहीं हुई हैं।

बाक्स

बच्चों के लिए ये अस्पताल तैयार

- केजीएमयू

- लोहिया संस्थान

- बलरामपुर अस्पताल

- लोकबंधु अस्पताल

- एसजीपीजीआई

नोट- अन्य सरकारी अस्पतालों में भी बच्चों के इलाज को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। आठ प्राइवेट अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों में भी पीकू और नीकू के बेड रिजर्व किए गए हैं।

बाक्स

9 हजार बेडों की रहेगी व्यवस्था

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब राजधानी में अचानक संक्रमितों की संख्या बढ़ी थी तो उस दौरान अस्पतालों में बेडों की कमी हो गई थी। इससे सबक लेते हुए कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए राजधानी में 9 हजार से अधिक बेडों की व्यवस्था की गई है। 75 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में यह बेड इलाज के लिए उपलब्ध रहेंगे। राजधानी में इस समय भी 15 कोविड अस्पताल एक्टिव हैं। अगर जरूरत पड़ी तो सिर्फ 24 घंटे में ही इन सभी अस्पतालों के सारे बेड कोविड मरीजों के लिए कर दिए जाएंगे। सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने का आदेश जारी किया जा चुका है।

कोट

तीसरी लहर को लेकर विभाग की तैयारियां पुख्ता हैं। बेड, वेंटिलेटर से लेकर ऑक्सीजन प्लांट की पूरी तैयारी है। जो भी काम बचा हुआ है, इसी माह पूरा हो जाएगा।

डॉ। मनोज अग्रवाल, सीएमओ

बाक्स

ऐसे रोकेंगे कोरोना को

- 75 अस्पतालों में 9 हजार बेड

- बच्चों के लिए 1000 से अधिक वेंटिलेटर बेड

- बच्चों के लिए 500 अतिरिक्त बेडों का बैकअप

- 24 ऑक्सीजन प्लांट

- 11 अब तक एक्टिव हो चुके हैं

- दो निजी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट

- सीएचसी-पीएचसी में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व सिलेंडर

- दवाओं, मेडिकल सामान आदि की पर्याप्त व्यवस्था