- ईद पर शॉपिंग न करके उस पैसों से करें गरीबों की मदद

- हमारा फर्ज है कि हम ऐसे लोगों का रखें ध्यान

LUCKNOW : इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से माहे रमजान में रौनक गायब है। बाजार बंद हैं, मस्जिदों में भी सन्नाटा है। बहुत बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें काफी दिनों से कोई काम नहीं मिला है और वे पैसे को लेकर परेशान हैं। ईद आने वाली है, ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम ऐसे जरूरतमंदों की मदद के लिए काम करें, ताकि उनकी ईद भी इस मुश्किल दौर में खुशियों वाली ईद बन जाए

गरीबों के साथ बेजुबानों की भी मदद

ईद आपस में खुशियां बांटने का मौका देती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से बहुत से लोग परेशान है। इसे देखते हुए मैंने अपने दोस्तों और परिजनों से अपील की है कि वे ईद पर नए कपड़े न खरीदें बल्कि गरीबों और बेजुबानों की मदद करें। वे भी अल्लाह के बंदे हैं, इसलिए हमारा फर्ज है कि हम उनका पूरा ध्यान रखें। जब हम ऐसा करेंगे तब हमारी ईद खुशियों वाली बन जाएगी।

निलोफर नवाज खान, इवेंट आर्गेनाइजर

हर बंदे की करें मदद

लॉकडाउन में गरीबों की जिंदगी पटरी से उतर गई है, ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी मदद करें। माहे रमजान में हर अच्छे काम का 70 गुना सवाब मिलता है। इस बार हम ईद पर नए कपड़े न लेकर उसमें खर्च होने वाले पैसे गरीबों और जरूरतमंदों पर खर्च करें। अगर हमारे इस काम से उनकी ईद भी हंसी-खुशी से बीत जाए तो इससे बड़ी खुशी हमारे लिए भला और क्या होगी।

फरीन अली, बिजनेस वीमेन

दूसरों को खुश करना सवाब का काम

पैसे वालों के लिए ईद से पहले फित्र देना फर्ज है। ऐसे में हम नए कपड़ों की शॉपिंग न करके जरूरतमंदों की मदद करें। जिन अच्छे कपड़ों को हम नहीं पहनते हैं, उन्हें हम गरीबों को दे दें। कोरोना का यह संकट कब खत्म होगा, किसी को पता नहीं है। ऐसे में खर्चो पर लगाम लगाना जरूरी है। जरूरतमंदों से ईद की खुशियां बांटने का काम करें, क्योंकि दूसरों के चेहरे पर खुशी लाना ही सबसे बड़ा सवाब है।

दानिश हुसैन, जॉब

नहीं करेंगे ईद पर शॉपिंग

रमजान शुरू होते ही सभी दोस्तों और परिजनों ने तय कर लिया था कि इस बार हम ईद पर शॉपिंग नहीं करेंगे। उन पैसों को हम गरीबों की मदद में खर्च करेंगे। खुदा ने हमें इस काबिल बनाया है कि हम उसके जरूरतमंद बंदों की मदद कर सकें। इस फर्ज को हमें निभाना है। मैं सभी से अपील करती हूं कि शॉपिंग में पैसा जाया करने से अच्छा है कि किसी गरीब की मदद कर दी जाए।

अब्दुल समद, बिजनेसमैन