लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आप 3000 स्क्वायर फिट या उससे बड़े क्षेत्रफल के मकान में रह रहे हैैं और आपने अभी तक रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया है, तो आपके पास एलडीए की नोटिस आ सकती है। एलडीए की ओर से अपने स्तर से भी ऐसे मकानों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है, जो उक्त क्षेत्रफल के दायरे में आते हैैं और उनके यहां रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा है।

गोमतीनगर में विशेष फोकस

एलडीए की ओर से वैसे तो सभी इलाकों में तीन हजार या उससे अधिक क्षेत्रफल के मकानों को सामने लाने के लिए सर्वे कराया जा रहा है, लेकिन मुख्य फोकस गोमतीनगर एरिया पर है। इस एरिया में इस क्षेत्रफल के मकानों की संख्या अधिक है। एलडीए की ओर से सर्वे के लिए कई टीमों को लगाया गया है। इसकी समीक्षा वीसी स्तर से की जाएगी।

लंबे समय से कवायद

एलडीए की ओर से लंंबे समय से इस दिशा में कवायद की जा रही थी। अब जाकर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की दिशा में सर्वे शुरू कराया गया है। खास बात यह है कि सिर्फ मकानों का ही सर्वे नहीं कराया जा रहा है, बल्कि इसमें सरकारी विभागों के कार्यालय भी शामिल हैैं। देखा जा रहा है कि कितने भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है और कितनों में नहीं।

तीन माह में दिखेगा असर

एलडीए प्रशासन की ओर से इस दिशा में जिस तरह से प्रयास किए जा रहे हैैं, उससे साफ है कि आने वाले तीन माह में इसका असर देखने को मिलेगा। वीसी की माने तो गर्मी के मौसम के आने से पहले ही तीन हजार या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाए जाएंगे ताकि जल संकट की समस्या को दूर किया जा सके।

पब्लिक को भी जागरूक

एलडीए प्रशासन की ओर से पब्लिक को भी जल संरक्षण की दिशा में जागरूक किया जाएगा, ताकि पब्लिक खुद जल संरक्षण करे। वर्तमान समय में राजधानी के लगभग सभी इलाकों में अंडर ग्राउंड वॉटर लेवल खासा डाउन है। कई इलाकों में गर्मी के मौसम में भयावह जल संकट सामने आता है।

निश्चित रूप से हमारी ओर से रेन वॉटर हार्वेस्टिंग पर विशेष फोकस किया गया है। इसके अंतर्गत 3000 या उससे अधिक स्क्वायर फिट वाले भवनों का सर्वे कराया जा रहा है। यह बात साफ है कि उक्त क्षेत्रफल वाले भवनों के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य है।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए