- कई दिन से डॉक्टरों ने ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर किया था सचेत मगर फिर नहीं हुई आपूर्ति

- ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी को थमाया गया नोटिस

- रोजाना 300 सिलेंडरों की हो रही खपत है

LUCKNOW: राजधानी में कोरोना बम फूटने के बाद से चिकित्सा संस्थानों में सभी सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं, जिसका खामियाजा गंभीर मरीजों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है। ऐसा ही बड़ा मामला सामने आया है, जहां लोहिया संस्थान प्रशासन की बड़ी लापरवाही के चलते तीन कोरोना मरीजों की मौत हो गई। हॉस्पिटल ब्लॉक की पुरानी इमरजेंसी में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों की सांस उस समय फूल गई जब शनिवार को अचानक आईसीयू में ऑक्सीजन की किल्लत हो गई, जिसकी वजह से तीन मरीजों की सुबह मौत हो गई जबकि अस्पताल के डॉक्टर कई दिन से उच्चाधिकारियों और सप्लाई करने वाली कंपनी को ऑक्सीजन सिलेंडर कम होने की जानकारी दे रहे थे। इसके बावजूद ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी द्वारा समय पर आपूर्ति नहीं की गई। वहीं अस्पताल प्रशासन द्वारा कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

तीन मरीजों ने तोड़ा दम

लोहिया संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में इमरजेंसी सेवाएं चलाई जा रही हैं। यहां पर गंभीर मरीजों के लिए 54 बेड आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा इसमें 10 बेड का आईसीयू भी शामिल है। शुक्रवार रात इमरजेंसी से लेकर आईसीयू वॉर्ड तक कोरोना संक्रमित मरीजों से भरा हुआ था जबकि कई मरीज होल्डिंग एरिया में स्ट्रेचर पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती थे। मिली जानकारी के अनुसार सुबह करीब 3 बजे हॉस्पिटल ब्लॉक में ऑक्सीजन सिलिंडर खत्म हो गये, जिसकी वजह से यहां पर भर्ती गंभीर मरीजों की सांस फूलने लगी। वहीं ऑक्सीजन अचानक थम जाने की वजह से इसी दौरान वेंटिलेटर पर भर्ती तीन अति गंभीर कोविड मरीजों की मौत हो गई। आनन फानन में किसी तरह सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक से एक्स्ट्रा ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए गए। तब जाकर अन्य मरीजों की जान किसी तरह से बचाई जा सकी। वर्ना एक बड़ा हादसा हो सकता था।

कंपनी ने नहीं की समय पर सप्लाई

लोहिया संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में कीब 350 बेडों की क्षमता है। यहां पर पहले औसतन रोजाना 30 से 40 ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत होती थी जबकि यहां पर कोई ऑक्सीजन प्लांट भी नहीं है। ऐसे में बाराबंकी की सारंग कंपनी द्वारा यहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की जाती है। शुक्रवार को कंपनी ने एक प्लांट फेल बताकर ऑक्सीजन आपूर्ति से हाथ खड़े कर दिए, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन केवल आगे की रणनीति बनाने में ही रह गया, जिसका खामियाजा तीन मरीजों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। हंगामा जब बढ़ने लगा तो दूसरे ब्लॉक से ऑक्सीजन लाई गई, लेकिन तबतक करीब 50 मरीजों की जान पर भी बन आई थी। इतना ही नहीं ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से कई मरीजों की हालत भी गंभीर बताई जा रही है।

कंपनी को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ। एके सिंह ने बताया कि कंपनी को ऑक्सीजन सप्लाई के लिए पहले ही अलर्ट किया गया था। मगर इसके बावजूद समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की गई। मरीजों की मौत होने के मामले में जांच बैठाई गई है। साथ ही कंपनी को नोटिस भी जारी कर दिया गया है। घटना की रिपोर्ट शासन को भी भेज दी गई है।