लखनऊ (ब्यूरो)। एसटीएफ के मुताबिक गाजीपुर थाने में इस्माइलगंज शाखा की मुख्य प्रबंधक स्वाति अग्रवाल ने एफआईआर दर्ज कराई थी। पांच जुलाई 2021 को स्वाति के पास बैंक के पूर्व मैनेजर ने फोन किया और कहा कि निवान बाला जी आटो मूवर्स प्राइवेट लिमिटेड का चालू खाता है, जिसके प्रबंधक नवनीत पांडेय हैं जो बैंक से संबंधित कुछ काम के लिए फोन करेंगे। इसके कुछ देर बाद स्वाति के पास अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को नवनीत पांडेय बताया। टू्र कालर पर फोन करने वाले का नाम नवनीत पांडेय डायरेक्टर कीया मोटर्स दिखा रहा था। फोन करने वाले ने कहा कि वह अस्पताल में है, उसके कुछ कर्मचारी भर्ती हैं। तत्काल रुपयों की जरूरत है। खाते की चेकबुक समाप्त हो गई है। अगर बैंक ने उनकी मदद नहीं की तो वह उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत करेंगे। थोड़ी देर बाद फोन करने वाले ने दो पत्र वाट्सएप पर भेजे, जो बालाजी आटो मूवर्स के लेटर हेड पर थे। यही नहीं लेटर हेड पर निवान बालाजी आटो मूवर्स के रबड़ स्टांप और नवनीत पांडेय के हस्ताक्षर थे। पत्र में चार कर्मचारियों के खातों को एड कर उनमें पांच लाख 70 हजार 419, आठ लाख 93 हजार, चार लाख 80 हजार, सात लाख 50 हजार 427 और छह लाख 26 हजार 590 रुपये आरटीजीएस करने के लिए कहा गया था। झांसे में आकर स्वाति ने 33 लाख 20 हजार 436 रुपये ट्रांसफर कर दिए। रुपये कटने का मैसेज आने पर बालाजी आटो मूवर्स ने बैंक से संपर्क किया, जिसके बाद फर्जीवाड़े की जानकारी हुई।

बैैंक का कर्मचारी रह चुका गैैंग का मेंबर
पड़ताल के दौरान एसटीएफ ने जीडीए फ्लैट टीलागांव गाजियाबाद से अलीगढ़ के मोहम्मद शरीफ, गाजियाबाद के सुमित चौहान और हरियाणा के अंकुश गांधी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में मोहम्मद शरीफ ने बताया कि पहले वह सिटी बैंक के आफिस कनाट प्लेस में चेक रिशेप्सनिस्ट का काम करता था। इस दौरान उसे बैंकिंग की पूरी जानकारी हो गई थी। कोरोना काल में नौकरी छूटने के बाद अपने साथी सुमित और प्रदीप के साथ मिलकर जालसाजी कर रुपये कमाने की योजना बनाई।

पांच बैैंकों से कैश ट्रांसफर कराए
तीनों ने जाली कागजों के जरिए विभिन्न बैंकों में गलत नाम पते पर ऑनलाइन केवाईसी वाले खाते खोले। इसके बाद बड़ी कंपनियों के बैंक खातों का डाटा हासिल कर उनके खाते से रुपये ट्रांसफर कराने लगे। आरोपियों ने अलग अलग लोगों के नाम से सिम कार्ड भी लिया था। जाली लेटर हेड के जरिए आरोपियों ने पांच बैंकों से रुपये ट्रांसफर कराए थे। एसटीएफ आरोपियों के बयान के आधार पर बैंक खाते सीज कराने की तैयारी कर रही है।