लखनऊ (ब्यूरो)। थायराइड के मामले लगातार बढ़ते जा रहा हैं, पर इससे भी बड़ी चिंता इसका कैंसर में तब्दील होना है। देश में बीते 10 सालों में थायराइड कैंसर 2.4 पर्सेंट से बढ़कर 4 पर्सेंट हो गया है, जो चिंता का विषय है। ऐसे में लोगों को समय रहते जागरूक होकर जल्द इलाज करवाना चाहिए, ताकि समय रहते इसे ट्रीट किया जा सके।

महिलाओं में 121 पर्सेंट बढ़ा

वल्र्ड थायराइड डे हर वर्ष 25 मई को मनाया जाता है। इस साल की थीम मेजर योर ब्लड प्रेशर एक्यूरेटली, कंट्रोल इट, लिव लॉन्गर रखा गया है। संजय गांधी पीजीआई में एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के प्रो। ज्ञान चंद्र के मुताबिक, थायराइड कैंसर के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, पर बड़ी चिंता की बात यह है कि मर्ज पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा बढ़ रहा है। पिछले 10 वर्षों से थायराइड कैंसर दर महिलाओं में 2.4 पर्सेंट से बढ़कर 3.9 हो गयी है। वहीं, पुरुषों में यह दर 0.9 पर्सेंट से बढ़कर 1.3 पर्सेंट तक पहुंच गयी है। भारत में यह कम उम्र के लोगों को प्रभावित कर रहा है। पिछले 10 वर्षों में तो यह 30 वर्ष से काम की महिलाओं में 121 पर्सेंट की दर से बढ़ रहा है। वहीं, 30 से 44 वर्ष की महिलाओ में 107 पर्सेंट, 45 से 59 वर्ष की महिलाओं में 50 पर्सेंट, 60 से 74 वर्ष की महिलाओं में 15 पर्सेंट तथा 75 वर्ष से अधिक वर्ष की महिलाओं में 27 पर्सेंट की दर से बढ़ रहा है। इसी प्रकार से पुरुषों में भी 45 वर्ष से काम आयु में यह तेजी से बढ़ रहा है।

क्या कारण हैं थायराइड कैंसर के

- गले में घेंघा रोग का पाया जाना और लंबे समय तक उसका इलाज न कराना

- परिवार में किसी व्यक्ति को थायराइड की कोई बीमारी या थायराइड कैंसर का होना

- थायराइड ग्रंथि में सूजन होना

- कम आयोडीन का सेवन करना

- मोटापे का होना

- बचपन में गले व गर्दन कि विकिरण चिकित्सा का होना

- रेडियोधर्मिता की चपेट में आना

थायराइड कैंसर के लक्षण

थायराइड कैंसर का वैसे तो कोई लक्षण नहीं होता, लेकिन कुछ लक्षण थायराइड होने का संकेत करते हैं

- यदि गले में कोई गांठ है और वह अचानक तेजी से बढऩे लगे

- आवाज भारी होने लग जाये

- खाना खाने में अटकने लगे

- सांस लेने में तकलीफ होने लगे

- थायराइड ग्रंथि के साथ गले में अन्य गांठे भी बनने लगे

- अत्याधिक थकावट लगना

- भूख का कम लगना

- तेजी से वजन का कम होना

- जी मचलाना या उल्टी होना

थायराइड कैंसर की जांच जरूरी

अगर आपके गले में कोई गांठ है या आपको लगता है की आपको थायराइड कैंसर हो सकता है। तो आप अपने डॉक्टर से मिले और उनको अपना गला चेक कराये। जिसमें खून की जांच, थायराइड अल्ट्रासाउंड, थायराइड बायोप्सी, रेडियोआयोडीन स्कैन या फिर अन्य स्कैन जैसे सिटी स्कैन व पेट स्कैन भी किया जाता है। जिससे थायराइड कैंसर कहां तक शरीर में फैल चुका है, उसका पता लगाया जा सकता है।

थायराइड कैंसर का इलाज बेहद जरूरी

थायराइड कैंसर का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर कितना फैल गया है तथा थायराइड कैंसर का आकार कितना है। इसके इलाज के लिए सर्जरी, रेडियोआयोडीन थेरेपी, थायराइड हॉर्मोन थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी की जा सकती है।

थायराइड कैंसर का दुष्प्रभाव

थायराइड कैंसर सामान्यत पूर्णतय ठीक होने वाला कैंसर है। यदि इसका इलाज प्रारंभिक अवस्था में पूर्ण कर लिया जाये, अन्यथा यह कैंसर गले में आवाज की नस को दबा सकता है। जिससे पूरी तरह से आवाज जा सकती है। यह सांस की नली को भी दबा सकता है जिससे खांसी, सांस लेने में परेशानी, खांसी में खून का आना और यहां तक की सांस भी रुक सकती है। यह कैंसर खाने की नली को भी दबा सकता है। पूर्णतया इलाज के बाद भी यह कैंसर दोबारा हो सकता है। दोबारा होने पर यह ज्यादा खतरनाक होता है, इसलिए अपने डॉक्टर की सलाह को नजरअंदाज न करें।

ऐसे करें बचाव

-गले में कोई गांठ है या घेंघा है तो समय रहते इलाज कराएं

-परिवार में थायराइड की बीमारी है या किसी को थाइराइड कैंसर तो जांच कराएं

-आयोडीन युक्त नमक का ही प्रयोग करें

-अनावश्यक रूप से अपने बच्चों को होने वाली रेडिओएक्टिविटी जांच या उपचार से बचा कर रखें

-थायराइड कैंसर के पता चलते ही उचित चिकित्सक से अपना इलाज करायें

थायराइड कैंसर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा बढ़ रहा है। अगर गले में गांठ या घेंघा है तो समय रहते डॉक्टर से मिलकर अपना इलाज करवाएं।

-प्रो। ज्ञान चंद, एंडोक्राइन सर्जन, संजय गांधी पीजीआई