लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ तो कई इलाकों में खाली प्लॉट बारिश के पानी से लबालब हैैं, वहीं दूसरी तरफ इसकी वजह से डेंगू व अन्य संक्रामक बीमारियों के फैलने का भी खतरा मंडरा रहा है। जिससे स्थानीय लोगों की नींद उड़ गई है। जलभराव प्रभावित इलाकों में क्या है स्थिति और लोग किस हद तक परेशान हैैं। घनी आबादी इलाका होने के बावजूद यहां पर जल निकासी के कोई प्रॉपर इंतजाम नहीं हैैं। इसकी वजह से अभी तक खाली प्लॉटों और रोड्स पर बारिश का पानी भरा हुआ है। जिसकी वजह से लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों की ओर से निगम के हेल्पलाइन नंबर पर भी कंप्लेन दर्ज कराई गई लेकिन अभी तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। गुजरते वक्त के साथ लोगों की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ती जा रही हैैं।

नहीं है जलनिकासी के इंतजाम
इलाके में जल निकासी के कोई इंतजाम नहीं हैैं। परिणामस्वरूप सैकड़ों लोगों को जलभराव रूपी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। करीब 15 फीसदी खाली प्लॉटों में पानी भरा हुआ है। इसके साथ ही दो से तीन रोड पर भी पानी जमा है। जिसके कारण आवागमन बाधित हो रहा है। इस इलाके में भी डेंगू के पेशेंट मिलने की संभावना बढ़ गई है। फॉगिंग तो हुई है लेकिन इसे नियमित किए जाने की जरूरत है।
खाली प्लॉट की भरमार
आजाद नगर की तरह इस इलाके में भी खाली प्लॉटों और सड़क पर बारिश का पानी भरा हुआ है। घनी आबादी वाला एरिया होने के बावजूद जल निकासी के कोई ठोस इंतजाम नहीं हैैं। जिसके कारण लोगों को जलभराव की समस्या से निजात के लिए खुद ही इंतजाम करने पड़ रहे हैैं। डेंगू फैलने का खतरा सबसे ज्यादा है।


88 गांवों के अंतर्गत निगम में शामिल
बारिश के बाद पूरा इलाका टापू में तब्दील हो गया था। करीब 12 हजार लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए थे। गुजरते वक्त के साथ मौसम खुला तो सड़क पर भरा बारिश का पानी तो निकल गया लेकिन अभी घरों के बीच पड़े खाली प्लॉटों में बारिश का पानी भरा हुआ है। जिसकी वजह से स्थानीय लोग खासे परेशान हैैं। लोगों ने निगम प्रशासन से जल निकासी के इंतजाम कराए जाने की मांग भी की है। डेंगू फैलने के साथ-साथ लोगों के घरों में सांप इत्यादि भी निकल रहे हैैं। जिससे लोग डरे हुए हैैं।

जिन इलाकों में जलभराव की समस्या है, वहां पर जल निकासी को लेकर उचित कदम उठाए जा रहे हैैं। ऐसे इलाकों में जलभराव की समस्या ज्यादा सामने आई है, जो बिना नक्शे के डेवलप हुए हैैं। इस वजह से वहां पर जल निकासी के कोई इंतजाम नहीं हैैं। वहीं, खाली प्लॉटों को चिन्हित कराने का काम भी जोनवार शुरू कर दिया गया है।
अजय कुमार द्विवेदी, नगर आयुक्त