- कोरोना के बाद अचानक ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी

- डॉक्टर्स बोले, ज्यादा बेहतर जांच को लेकर पहुंच रहे

LUCKNOW: कोरोना की वजह से अस्पतालों में जनरल ओपीडी बंद हुई तो आम मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कतें हुई, लेकिन ओपीडी खुलते ही एकबार फिर मरीजों की भीड़ उमड़ने लगी है। ओपीडी में सबसे ज्यादा सर्दी, खांसी, जुकाम वाले मरीज आ रहे हैं जबकि पहले इमरजेंसी में भी इसके मरीज दिखाने के लिए नहीं पहुंच रहे थे। डॉक्टर्स का कहना है कि छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी मरीज अस्पताल इस आस के साथ पहुंच जाता है कि यहां डॉक्टर उसको ज्यादा बेहतर तरीके से देख कर इलाज करेंगे, जो टेलीमेडिसिन या फोन के माध्यम से नहीं हो सकता है।

बेहतर इलाज को आते अस्पताल

बलरामपुर अस्पताल में फिजिशियन डॉ। विष्णु कुमार के मुताबिक सभी तरह फीवर, पेट दर्द, डायबिटीज सर्दी, जुकाम व खांसी आदि के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। मरीज अक्सर छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी अस्पताल आ जाते हैं क्योंकि वो खुद को लेकर ज्यादा ही एक्टिव रहते हैं। उनकी यही सोच होती है कि ओपीडी में डॉक्टर को दिखाएंगे तो शायद और बेहतर डायग्नोसिस हो सकेगी। अगर कोई जांच हो तो करा सकेंगे जो टेलीमेडिसिन के माध्यम से इतना संभव नहीं है। हालांकि, खांसी आदि के मरीजों को ईएनटी के पास भेज दिया जाता है ताकि उनका बेहतर इलाज किया जा सके।

मिलती है राहत

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ। एसके नंदा ने बताया कि जनरल ओपीडी में हर तरह के मरीज आ रहे हैं। इसमें सर्दी, जुकाम, खांसी व पेट दर्द वाले मरीज इसलिए ज्यादा हैं क्योंकि उन्हे लगता है कि डॉक्टर सामने से देखेंगे तो उनकी रोग जल्द ठीक हो जाएगा।