लखनऊ (ब्यूरो)। इटौंजा में सोमवार सुबह एक ही गांव के 47 लोग एक ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर उनई देवी मंदिर मन्नत पूरी होने पर दर्शन करने खुशी-खुशी जा रहे थे। अचानक ट्रैक्टर ट्राली रोड किनारे पानी से भरे एक गड््ढे में जा गिरी। इस हादसे में जहां आठ महिलाओं और दो बच्चों संग कुल दस लोगों की मौत हो गई, वहीं 37 अन्य लोगों को भी चोटें आईं। इस हादसे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शोक प्रकट किया और हादसे की सूचना मिलते ही डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मौके पर पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना और डीएम को घटना की पूरी रिपोर्ट सोमवार शाम तक सौंपने का निर्देश दिया। वहीं डीएम ने मृतकों के परिजनों को आपदा राहत कोष से चार-चार लाख की मदद की घोषणा की।

ट्रक ने पीछे से मारी टक्कर

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रैक्टर ट्राली को ओवरटेक करते समय एक ट्रक ने उसे टक्कर मारी, जिससे वह पानी से भरे गड्ढे में जा गिरी। हादसे की सूचना मिलते ही आईजी, एसपी रूरल, एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। एसडीआरएफ की टीम चार घंटे तक पानी में डूबे लोगों की तलाश करती रही। हालांकि इससे पहले ही आसपास मौजूद युवाओं ने पानी में उतरकर किसी तरह 37 लोगों को बाहर निकाला और उनकी जान बचा ली।

अस्पताल में कराया भर्ती

पानी में डूबे लोगों को निकालकर इटौंजा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। एक घायल की हालत गंभीर होने पर उसे केजीएमयू भेजा गया। हादसे में घायल चार लोगों की सीएचसी में ही मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल छह लोगों को राम सागर अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

मनौती पूरी होने पर कोंछ भरने जा रहे थे

घायलों ने बताया कि वे सभी चुन्नी लाल मौर्य के परिवार के साथ मनौती पूरी होने पर उनई देवी दुर्गा मंदिर में कोंछ भरने जा रहे थे। हादसा सुबह करीब 10 बजकर 30 मिनट पर हुआ। हादसे की सूचना मिलते ही आईजी लक्ष्मी सिंह, डीएम सूर्यपाल गंगवार के अलावा सीतापुर जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और विधायक योगेश शुक्ला भी मौके पर पहुंचे और हादसे में घायल हुए लोगों को पूरी मदद का भरोसा दिलाया।

अधिकतर महिलाएं और बच्चे

टै्रक्टर ट्राली में सवार लोग एक ही गांव के थे। ट्रैक्टर गांव के लल्लन और बराती मौर्य का है, जिसे गांव के ही अवध और नरेश पाल चला रहे थे। इसमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे ही सवार थे।

तीन दिन से चल रही थीं तैयारियां

टिकौली गांव के चुन्नीलाल मौर्य ने परिवार की खुशहाली के लिए मन्नत मांगी थी, जो पूरी हो गई थी। मन्नत पूरी होने पर मंदिर जाकर कोंछ भरने के लिए उन्होंने नवरात्र का पहला दिन तय किया था। तीन दिन से वे परिवार और गांव के लोगों के साथ मंदिर जाने की तैयारियां कर रहे थे। सोमवार सुबह वह अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों के साथ मंदिर दर्शन के लिए ट्रैक्टर ट्राली से निकले। ट्राली में बैठी महिलाएं देवी के गीत गाते जा रही थीं।

ट्राली के नीचे दबने से हुई मौत

इस हादसे में अधिकतर लोगों की मौत ट्राली के नीचे दबने से हुई है। ट्राली के नीचे दबे लोगों को जल्द निकाला नहीं जा सका। वहीं जो लोग ट्राली के नीचे नहीं दबे, उनमें से अधिकतर की जान इस हादसे में बच गई। 10 से 12 फीट गहरा यह गड्ढा बरसात के पाने से पूरी तरह भरा था।

हादसे में मरने वालों के नाम

-कोमल (46) पत्नी चुन्नी लाल मौर्या

-बिट्टो (13) बेटी चुन्नी लाल मौर्या

-सुषमा (58) पत्नी राम रतन मौर्या

-रुचि (19) बेटी राम रतन मौर्या

-अन्नपूर्णा देवी (37) पत्नी बाबूराम

-सुखरानी (45) निवासी सुखलाल

-सुशीला (38) पत्नी रामखेलावन

-अंशिका (13) बेटी पवन गुप्ता

-मालती (40) पत्नी बाबूलाल

-केतवी (55) पत्नी छोटे लाल

(सभी सीतापुर के अटरिया टिकौली के रहने वाले है)

घायलों की सूची

अभिषेक, अंकित, कमला, नीतू, अंजली, प्रिया, राम रति, पूनम, आशुतोष, सालोनी, सुषमा, चुन्नी लाल, अर्पित, जूही, प्रेम कुमार, विमला, शिवांश, सलोनी, अश्विन, सुमन, उर्मिला, किरन, अन्नया, अंशिका, आरती, अंशिका, मीरा, दिव्यांशी, दिवाकर, रूचि, सुखरानी, सुषमा, कोमल।

(सभी सीतापुर के अटरिया टिकौली के रहने वाले है)

ग्रामीणों ने बचाई 37 की जान

जैसे ही ट्रैक्टर ट्राली गड्ढे में गिरी, उसमें बैठे लोगों की चीख सुनकर पास के गांव के युवा उस ओर दौड़े और अपने जान जोखिम में डालकर गहरे पानी में उतर गए। एक-एक कर इन लोगों ने घायलों को बाहर निकालना शुरू किया। जिससे करीब 37 लोगों की जान बच गई।

चार घंटे तक चला सर्च ऑपरेशन

हादसे के एक घंटे में एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची, हालांकि तब तक ग्रामीणों और इटौंजा पुलिस ने सभी लोगों को पानी से बाहर निकाल लिया था। लोगों ने एसडीआरएफ की टीम को बताया कि कुछ लोग अभी गायब है, इस पर टीम ने करीब चार घंटे तक गहरे गड्ढे में लोगों की तलाश की लेकिन इस दौरान उन्हें कोई वहां मिला नहीं।