लखनऊ (ब्यूरो)। सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने और बेहतर काम करने के लिए उत्तर प्रदेश को भारत सरकार द्वारा पुरस्कार मिला है। जिसके तहत प्रदेश परिवहन विभाग को भारत सरकार की ओर से करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए का इंसेंटिव भी दिया गया है। जिसे विभाग में सुधार लाने के मदों में खर्च किया जायेगा। अधिकारियों के मुताबिक, 2024 तक कुल 5000 सरकारी वाहनों को स्क्रैप करना है। इस मामले में परिवहन मंत्री के निर्देशन में उत्तर प्रदेश अभी तक सबसे बेहतर काम रहा है।

15 साल पुराने सरकारी वाहन होने हैं स्क्रैप

भारत सरकार ने 15 साल पुराने सरकारी वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी लागू की है। इसके तहत 15 साल से ऊपर किसी भी सरकारी वाहन का संचालन नहीं हो सकता है। साथ ही उनका री-रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा, बल्कि ऐसे वाहनों को कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा। भारत सरकार की तरफ से सभी राज्यों को जल्द से जल्द ऐसे 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने का टास्क दिया गया था। अभी तक करीब 500 वाहन स्क्रैप में भी किए जा चुके हैं। सभी विभागों को नोटिस जारी की गई है कि जल्द से जल्द 15 साल पुराने सरकारी वाहनों को स्क्रैप कराएं।

इन पर खर्च होगा 150 करोड़ रुपए

उत्तर प्रदेश परिवहन के अपर परिवहन आयुक्त राजस्व राजीव श्रीवास्तव का कहना है कि भारत सरकार से मिली 150 करोड़ की सहायता राशि को परिवहन विभाग कई कामों में खर्च करेगा। इसके तहत 20 करोड़ रुपये रोड सेफ्टी कार्यों के तहत खर्च किए जायेंगे। ऑफिस सिस्टम को बेहतर करने के लिए 20 करोड़, इंफोर्समेंट को मजबूत करने के लिए 20 करोड़ खर्च किए जायेंगे। वहीं, राजधानी समेत प्रदेश में वाहन डिटेंशन यार्ड बनने हैं, क्योंकि थानों में जगह कम हो गई है। इसके लिए बाकि बची राशि को खर्च किया जायेगा, ताकि वाहनों को रखने के लिए एक तय जगह बनाई जा सके।