- सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिक के रिसर्च में चला पता

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रुष्टयहृह्रङ्ख: मनुष्य की हड्डियां ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी से कमजोर हो जाती हैं और उनके जरा सी चोट लगने पर टूटने का खतरा बढ़ जाता है और वे जल्दी ठीक भी नहीं होती हैं। इसी समस्या पर सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिक नीरज सिन्हा ने एक रिसर्च किया। इस रिसर्च के दौरान उन्होंने सॉलिड स्टेट एनएमआर टेस्ट से कोलाजन प्रोटीन में होने वाले इंटरएक्शन की खोज की जो इस बीमारी का प्रमुख कारण है। अब इस रिसर्च के बाद इस बीमारी का इलाज सटीक और आसान हो सकेगा। उनका यह रिसर्च द जरनल ऑफ केमिकल केमिस्ट्री में प्रकाशित हुआ है।

बीएमडी टेस्ट कारगर नहीं

हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस की पहचान बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट से की जाती है। हालांकि इससे बीमारी का सटीक पता नहीं चल पाता है। इसका कारण यह है कि बहुत से मरीजों में बोन मिनरल डेंसिटी अधिक होती है। इसी को देखते हुए वैज्ञानिक नीरज सिन्हा ने रिसर्च किया और हड्डियों को हाई रेज्योल्यूशन से देखने की कोशिश की, जिससे पता चले कि हड्डियों की संरचना में कौन-कौन से बॉयोमेटेरियल हैं। इसी दौरान उन्होंने एनएमआर तकनीक की खोज की, जो हड्डियों की संरचना एकदम सटीक जानने में मददगार है। अब वे इस पर आगे काम कर रहे हैं।

काफी कारगर तकनीक

नीरज सिन्हा ने बताया कि इस तकनीक में डायनेमिक न्यूक्लियर पोलराइजेशन एनएमआर तकनीक का यूज किया गया है। यह तकनीक भारत में नहीं है इसलिए नेशनल हाई फील्ड मैग्नेट लैबरोटरी फ्लोरिडा से कोलाब्रेट किया गया। इसमें निदेशक प्रो। आलोक धावन का काफी सहयोग रहा। इस तकनीक से हम बेहद सूक्ष्म तरीके से बोन की संरचना को देखने के साथ उनमें होने वाले बदलाव को जान सकते हैं।

हड्डियों में कोलाजन प्रोटीन

नीरज सिन्हा ने बताया कि हड्डियों में एक कोलाजन प्रोटीन होता है, जो इनकी संरचना में महत्वपूर्ण योगदान देता है। जिसका पहली बार इस तकनीक से पता चला है। यह एक नई दिशा देगा कि अब सिर्फ बीएमडी बढ़ाने के लिए ही चिकित्सा की जरूरत नहीं है बल्कि कोलाजन प्रोटीन की ओर भी ट्रीटमेंट का टारगेट करने की जरूरत है। इस तकनीक का कैसे यूज करें, इसे हमने डेवलप किया है।

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क्या है कोलाजन प्रोटीन

कोलाजन प्रोटीन हड्डियों की संरचना में महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। इससे हड्डियां फ्लैक्सिबल और मजबूत होती हैं। ऐसे में यह प्रोटीन बेहद महत्वपूर्ण है।

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नई तकनीक डायनेमिक न्यूक्लियर पोलराइजेशन एनएमआर तकनीक का यूज किया गया और कोलाजन प्रोटीन में होने वाले बदलावों को देखा गया। नीरज सिन्हा, साइंटिस्ट, सीबीएमआर