लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में फिलहाल इलाज कराना महंगा नहीं होगा क्योंकि बुधवार को हुई कार्यपरिषद की बैठक में इसे बतौर एजेंडा शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में मरीजों को बड़ी राहत मिली है। वहीं, बैठक में भर्ती मामले को लेकर दो विभागों के लिफाफों को भी खोला गया। साथ ही ज्येष्ठता सूची में विवादित विभागों पर विधिक सलाह लेने पर सहमति बन गई है। बाकी सूची विश्वविद्यालय जारी करेगा। दरअसल, बीते दिनों हॉस्पिटल बोर्ड की ओर से रजिस्ट्रेशन फीस को डबल और भर्ती से लेकर इलाज के अन्य मदों में 10 फीसद तक फीस बढ़ाने का निर्णय लिया था। जिसे अंतिम मुहर के लिए कार्यपरिषद में ले जाया जाना था। अब संस्थान प्रशासन ने निर्णय लिया है कि पहले इसे शासन मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उसके बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। फिलहाल मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

कानूनी सलाह ली जाएगी
केजीएमयू की कार्य परिषद ने 10 जनवरी 2020 को जारी शिक्षक भर्ती के विज्ञापन की प्रक्रिया शुरू करने के विवादों में घिरने के बाद कैंसिल कर दिया था। इस मामले में दो विभागों को छोड़कर अन्य विभागों के लिफाफे खोले थे। इसके विरोध में अभ्यर्थी हाईकोर्ट और राजभवन तक पहुंच गये थे। वहां से मिले निर्देश के बाद बुधवार को बुलाई गई कार्य परिषद की बैठक में भर्ती संबंधी लिफाफे खोलने का फैसला लिया गया। इसके तहत कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में चार और एनॉटमी विभाग में तीन शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी लिफाफे खोले गए। इसी के साथ शिक्षकों की ज्येष्ठता सूची पर भी फैसला किया गया। जिसके तहत रेडियोडायग्नोसिस के अलावा जिन विभाग में कोई विवाद है, उन पर कानूनी सलाह लेने तथा बाकी सूची जारी करने की सहमति बन गई।