- सांस्कृतिक कार्यक्रमों के संग विदा हुआ जनजातीय महोत्सव

LUCKNOW: राजधानी में चल रहे तीन दिवसीय जनजातीय महोत्सव का समापन रविवार को हो गया। इस अवसर पर भागीदारी भवन में राज्यमंत्री जनजाति कल्याण विभाग डॉ। जीएस धर्मेश मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने बताया कि इस तरह के आयोजनों से जनजाति समूहों के उत्पाद को मार्केट मिलने में मदद मिलती है। सरकार द्वारा उनकी उन्नति के लिए कई कदम उठाए जा रहे है।

बाल नृत्य ने मोहा

कार्यक्रम के दौरान जनजातीय समूहों की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए। जिसमें थारू, शैल व बाल नृत्य ने सभी का मन मोहा। वहीं प्रदर्शनी में 14 स्टालों पर उत्पाद और 2 स्टालों पर उनके व्यंजनों को भी प्रस्तुत किया गया। समापन समारोह के दौरान प्रमुख सचिव समाज कल्याण एवं जनजाति विकास बीएल मीणा, विशेष सचिव व निदेशक टीआरआई अशोक कुमार समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

जमकर हुई खरीदारी

रविवार को महोत्सव का अंतिम दिन होने की वजह से वहां आए लोगों ने जमकर खरीदारी भी की। जनजातीय उत्पाद सबको काफी पसंद आए। इसके अलावा पत्तों और बांस की बनी टोपी लोगों को लुभाती रही। वहीं जनजातीयों द्वारा यूज किए जाने वाले औजार भी आकर्षण का केंद्र बने रहे।