LUCKNOW: कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग अपनी इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत कर रहे हैं और आयुर्वेदिक काढ़ा भी खूब पी रहे हैं, लेकिन जरा सी लापरवाही से काढ़ा फायदा करने की जगह उल्टा आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। कारण यह है कि इसमें औषधियां होती हैं, जिनकी अधिक डोज से एसिडिटी, पेट में दर्द, अल्सर आदि की समस्या भी हो सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि काढ़े का यूज सोच-समझ कर ही करना चाहिए।
हो सकता है साइड इफेक्ट
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय सचिवालय के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ। अरविंद वर्मा ने बताया कि इम्युनिटी एकाएक नहीं बढ़ जाती है। इसके लिए औषधि के साथ लाइफ स्टाइल में भी चेंज लाना होगा। आयुर्वेदिक औषधियां मौसम के अनुसार होती है। काली मिर्च, दालचीनी, लौंग आदि की तासीर गर्म होती है। ऐसे में जिनको पित्त की समस्या है, उन्हें नाक से खून आना, मुंह में छाले पड़ना, एसिडिटी या फिर पेशाब संबंधी दिक्कत या स्किन प्रॉब्लम हो सकती है।
इनके लिए फायदेमंद
डॉ। अरविंद वर्मा ने बताया कि आयुर्वेद में पित्त, वात और कफ प्रकृति का बड़ा रोल होता है। देखा गया है कि पित्त एवं वात प्रकृति वाले गर्म तासीर वाली चीजें आसानी से नहीं पचा पाते हैं। ऐसे में इन्हें काली मिर्च, दालचीनी, सोंठ आदि का सेवन कम करना चाहिए। वहीं कफ प्रकृति वालों को काढ़े का सीधा फायदा मिलता है।
इंटरनेट देख खुद न बनें डॉक्टर
डॉ। अरविंद ने बताया कि इन दिनों इंटरनेट पर कई तरह के काढ़ा बनाने की रेसिपी वायरल हो रही है। लोग खुद डॉक्टर बनकर काढ़ा बना रहे हैं और पी रहे हैं। जबकि काढ़ा बनाने से पहले डॉक्टर्स की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि हर फार्मूला हर व्यक्ति के लिए सही नहीं है। कौन सी औषधि किसे कितनी दी जानी है, यह एक्सपर्ट ही बता सकता है।
काढ़े में किसकी कितनी मात्रा
आइटम मात्रा
काली मिर्च 1-2 नग
इलायची 1-2 नग
तुलसी 4-6 पत्ती
लौंग 1-2 नग
अश्वगंधा आधा चम्मच पाउडर
गिलोय एक अंगुल टुकड़ा
दालचीनी एक चुटकी
यह रखें सावधानी
- मार्केट से पैकेट लेते वक्त गुड मैन्युफेक्चरिंग प्रेक्टिस जरूर देखें
- काढ़ा सामग्री में क्या-क्या है यह जरूर देखें
- काढ़ा पैकेट हमेशा अच्छी कंपनी का ही लें
- काढ़ा पीने से पहले आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर से सलाह लें
- अपने अनुसार कोई भी औषधि या मसाला कम-ज्यादा न करें
- मार्केट से काढ़ा के नाम पर कुछ भी लेने से बचें
- इंटरनेट पर रेसिपी देखे लेकिन बिना सलाह न बनाएं
आयुर्वेदिक नुस्खे मौसम के अनुसार बनाये जाते हैं। इम्युनिटी एक दिन में नहीं बनती। बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी औषधि न लें।
डॉ। अरविंद वर्मा, प्रभारी चिकित्साधिकारी
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, सचिवालय