लखनऊ (ब्यूरो)। शहर की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी मशीन लर्निंग पर आधारित मल्टीपैरामीटरिक एमआरआई मॉडल्स विकसित करेगी। ये मॉडल्स रीनल ट्यूमर्स के आइडेन्टीफिकेशन, क्लासीफिकेशन एवं डायगोनोसिस में सहायता करेंगे। इसको लेकर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने ग्रांट अप्रूव कर दी है। गुरुवार को यूपीसीएसटी में हुई कार्यपरिषद की बैठक में इस बैठक में कुल 109 शोध प्रस्तावों पर स्वीकृति दी गई है। इन शोध प्रस्तावों के लिए 1409.95 लाख रुपये का बजट भी अप्रूव किया गया है।

इन लोगों ने लिया भाग
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उप्र की 115वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक में परिषद के महानिदेशक नरेन्द्र भूषण के साथ-साथ अपर मुख्य सचिव अवस्थापना आयोग, अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग, प्रमुख सचिव, नियोजन विभाग, सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, अपर मुख्य सचिव, कृषि विभाग, कुलपति, एकेटीयू, निदेशक, एसजीपीजीआई, निदेशक, डॉ। राम मनोहर लोहिया, आर्युविज्ञान संस्थान, निदेशक, केंद्रीय औषधीय एवं संगन्ध पौधा संस्थान, निदेशक, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने भाग लिया। यूपीसीएसटी के निदेशक अनिल यादव ने बताया कि बैठक में दिव्यांगों के लिए आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस आधारित आईओटी ऑपरेटेड, हेलमेट कन्ट्रोल्ड इलेक्ट्रॉनिक व्हील चेयर विकसित किये जाने के लिये शोध प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। यह काम डॉ। अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर हैंडीकैप्ड कानपुर करेगा।

इन प्रस्तावों पर भी लगी मोहर
-सौर ऊर्जा के ज्यादा इस्तेमाल के लिए ब्लॉक चेन, माइक्रो कंट्रोलर व इंटरनेट ऑफ थिंंग्स पर आधारित सिस्टम विकसित किए जाने के लिए जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्निकल नोएडा के रिसर्च प्रोजेक्ट को मिला अप्रूवल।
-डेस्क वर्कर्स में बैकपैन व स्पान्डलाइटिस की समस्या से निजात दिलाने के लिए एआई, मशीन लर्निंग व आईओटी आधारित रियल टाइम पोश्चर करेक्शन सिस्टम फार डेस्क वर्कर्स को विकसित किये जाने के लिए एमएनआईटी प्रयागराज को मिला अप्रूवल।
-रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय विश्वविद्यालय, झांसी प्लास की खेती को बुन्देलखण्ड के जनजातीय क्षेत्रों में प्रोत्साहित कर दवा बनाने काम करेगा।
-रोहिलखण्ड विश्वविद्यालय के एआई के उपयोग एवं ड्रोन की सहायता से ऊर्जा से सम्बन्धित इंडस्ट्रीज के एसेट इन्सपेक्शन के के लिए संसाधन विकसित किए जाएंगे।
-गले के कैंसर की डायगोनिसिस के लिए आईआईटी कानपुर के एडवांस एंडोस्कोपिक इमेजिंग के जरिए एआई बेस्ड हेल्थकेयर एप्लीकेशन डेवलेप की जाएगी।
-परिषद द्वारा वित्त पोषित शोध परियोजनाओं मे कार्य करने वाले रिसर्च स्टाफ की फैलोशिप बढ़ायी गयी है। रिसर्च एसिस्टेन्ट की फैलोशिप 20 हजार से बढ़ाकर 25 हजार और सीनियर रिसर्च एसिस्टेन्ट की फैलोशिप 22 से बढ़ाकर 28 हजार रुपये की गई।
-स्पेस साइंस के प्रति स्टूडेंट्स की रुचि बढ़ाने के लिए टीचर्स व स्टूडेंट्स के लिए दो दिवसीय वर्कशॉप कराई जाएगी।
-प्रदेश के 70 जिलों में जन जागरूकता व नव प्रवर्तन प्रदर्शनी का आयोजन होगा।
-ब्लाक चेन, 3डी प्रिन्टिंग का मेडिकल के क्षेत्र में योगदान, क्वांटम कम्प्यूटिंग, आईओटी,डाक्यूमेन्टेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, 5 जी व 6 जी टेक्नोलॉजीस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंश, ड्रोन, मशीन लर्निंग, पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण, कृषि तकनीकों, गैर पारम्परिक ऊर्जा तथा स्पेस साइंस इत्यादि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ऐसे शोध प्रस्ताव मांगे जाएंगे।
-विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन हर साल कराई जाएगी। इसमें क्लास 9 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स पार्ट लेंगे।
-इंजीनियरिंग स्टूडेन्ट प्रोजेक्ट ग्रांट स्कीम में प्रॉजेक्ट से संबंधित शोध पत्र प्रकाशित होगा। स्टूडेंट को 20 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
-परिषद कार्यकारिणी समिति द्वारा एग्रीकल्चर एण्ड एलाइड सेक्टर की 15, केमिकल साइंसेज की 11, इन्वायरमेन्टर साइंस की 9, मेडिकल साइंस की 13, फार्मा की 6, फिजिकल साइंस की 12, इनफारमेशन टेक्लोलॉजी की 10, इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलॉजी की 15 एवं जैव प्रौद्योगिकी की 18 शोध परियोजनाओं पर स्वीकृति दी गई है।