लखनऊ (ब्यूरो)। अवध की शाम बुधवार को उत्तराखंड की संस्कृति से गुलजार हो उठी। जहां गोमा तट पर पर्वतीय अंचल की अनुपम छटा देखने को मिली। मौका था पं। गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में 10 दिवसीय उत्तराखंड महोत्सव के उद्घाटन का। जहां पहले दिन परंपरागत वेषभूषा में ढाल, तलवार, मसकबीन, तुरही, रणसिंह आदि लिए उत्तराखंड से आये छोलियादल ने दर्शकों का मन मोहा। महोत्सव का उद्घाटन सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने किया। वहीं, गोपाल दत्त उप्रेती को उत्तराखंड गौरव से नवाजा गया।

उत्तराखंड की संस्कृति देखने को मिलती है

कार्यक्रम के दौरान प्रो। रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति के साथ अन्य देशों की संस्कृति की झलक भी महोत्सव में देखने को मिलती है। आज किसानी कायदे का काम है। फूलों-फलों की बागवानी कृषि उद्योग का दायरा तकनीकी की वजह से बढ़ा है। आप सबको ह्दय से बधाई देती हूं।

दिखी पर्वतीय अंचल की छटा

उत्तराखंड के परिधानों-आभूषणों से सजी संवरी महिलाओं के दलों, झोड़ा-उत्तराखंड तथा अन्य प्रदेशों से आये कलाकारों ने आयोजन को और भी सुरमयी तथा रंगीन बना दिया। वहीं, झोड़े के दलों द्वारा महोत्सव स्थल पर लगभग 230 कलाकारों ने सामुहिक प्रस्तुति देकर नया कीर्तिमान स्थापित किया। जिसे गिनीज बुक में रिकार्ड कराने की कोशिश की जायेगी। उत्तराखंड महापरिषद की महिला प्रकोष्ठ द्वारा आकर्षक ऐपण, अल्पना तथा रंगोली बनायी गई।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रही धूम

गोमती नगर सांस्कृतिक समिति द्वारा उत्तराखंडी प्रेणा गीत तथा दैणा होया खोली का गणेषा, कुर्मांचल नगर टीम द्वारा मेरी गाड़ी तथा ओ साहिबा, देव भूमि जन सरोकार समिति गोमती द्वारा फूल खिलौला डालिमा आदि गीतों पर शानदार प्रस्तुतियां दी गईं। बनखंडी देवभूमि उत्थान समिति के कलाकारों ने उत्तराखंड के विभिन्न लोक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया।