- कोविड प्रोटोकॉल के तहत मिलेगी भक्तों को एंट्री

- आज से होगी मां की विधिवत पूजा

LUCKNOW: नवरात्रि के पांचवें दिन बुधवार को जहां मां के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा-अर्चना की गई, वहीं बंगाली समाज की ओर से मां भवानी की मूर्ति पंडालों में स्थापित की गई। इस दिन बंगाली समाज में मां को मायके में आने के रूप में पूजा जाता है, जिसके बाद गुरुवार से मां की विधिपूर्वक पूजा शुरू होगी।

मंदिरों में उमड़ी भीड़

राजधानी के छोटी व बड़ी कालीजी मंदिर, संदोहन देवी मंदिर, पूर्वी देवी मंदिर, संकटा देवा मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में मां के स्कंदमाता रूप का भव्य श्रृंगार किया गया। वहीं भक्त सुबह से ही मां के दर्शन के लिए मंदिरों के बाहर कतार में खड़े रहे। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया। भक्तों को मास्क व उचित दूरी का पालन करते हुए सीमित संख्या में ही मंदिर में दर्शन व पूजन के लिए प्रवेश दिया गया।

समिति द्वारा देवी की हुई स्थापना

बुधवार को देर शाम बोधन व भूमि पूजन के साथ मां की स्थापना विभिन्न दुर्गा समितियों द्वारा की गई, लेकिन मां की विधिवत पूजा अर्चना गुरुवार से शुरू होगी। बादशाहनगर पूजा कमेटी की संयोजक सदस्य प्रिया सिन्हा ने बताया कि मां की मायके में आने पर स्वागत होता और दशमी को सिंदूर खेला के साथ विदाई होती है। प्रतिमा की स्थापना हॉल में कर दी गई है। वहीं बंगाली क्लब के अध्यक्ष अरुण बनर्जी ने बताया कि प्रतिमा छोटी होने के साथ ही आयोजन को भी छोटा रखा गया है। पूजन के अलावा अन्य कोई आयोजन नहीं होंगे। कोविड गाइडलाइन के साथ ही श्रद्धालुओं को ही दर्शन के लिए अनुमति दी जाएगी, लेकिन प्रसाद वितरण नहीं होगा।

पिंक पंडाल सजाया गया

ट्रांसगोमती नगर दुर्गा पूजा एवं दशहरा कमेटी के संयोजक तुहिन बनर्जी ने बताया कि अलीगंज के चंद्रशेखर पार्क के सामने पूजन के साथ प्रतिमा स्थापित कर दी गई। कोविड के कारण प्रसाद एवं भोग का वितरण नहीं किया जाएगा। वहीं कैंटोनमेंट पूजा एवं सेवा समीति द्वारा महिला सशक्तिकरण थीम पर पिंक पंडाल बनाया गया है। इससे पहले पूरे परिसर को सेनेटाइज कराया गया। इसके अलावा आलमबाग, चारबाग, कपूरथला, गोमतीनगर के साथ ही निरालानगर के श्रीराम कृष्ण मठ में भी मां की प्रतिमा की स्थापना की गई।